ट्रायल के बाद शहर की सड़कों पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें
जागरण संवाददाता, जम्मू : शहर की सड़कों पर अगले माह से 30 सीटर नॉन एसी इलेक्ट्रिक बस दौड़ने की भले ही
जागरण संवाददाता, जम्मू : शहर की सड़कों पर अगले माह से 30 सीटर नॉन एसी इलेक्ट्रिक बस दौड़ने की भले ही उलटी गिनती शुरू हो चुकी है लेकिन राज्य में चुनाव आचार संहिता के कारण अभी इसके ट्रायल होने का जम्मू-कश्मीर स्टेट रोड कॉरपोरेशन बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
कर्नाटक के धरवाड़ा प्लांट ने जम्मू और श्रीनगर शहर के लिए 40 बसों का निर्माण किया है। दोनों शहरों में 20-20 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी। पहले चरण में जम्मू के लिए 20 में से 15 पहुंच गई हैं, पांच अन्य बस एक-दो दिन के भीतर पहुंचने की उम्मीद है। 11 अप्रैल को शहर के रेलवे हेड स्थित जम्मू-कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के यार्ड में पहले चरण में 10 इलेक्ट्रिक बस पहुंच गई थी। शुक्रवार देर शाम पांच अन्य बसें भी पहुंच गई हैं। टाटा मोटर्स के सीनियर मैनेजर संजय चौधरी ने बताया कि पांच अन्य बसें भी ट्रेलर के माध्यम से एक-दो दिन के भीतर जम्मू पहुंच जाएंगी। 13 अप्रैल को कॉरपोरेशन के यार्ड में इलेक्ट्रिक बसों के ट्रायल होने थे लेकिन अंतिम क्षणों में चुनाव आचार संहिता के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। अब अगले सप्ताह ही इन बसों के ट्रायल की उम्मीद है।
एसआरटीसी के रेलवे हेड स्थित यार्ड में इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिग के लिए दो फास्ट चार्जिग प्वाइंट बनाए गए हैं। दो चार्जिग प्वाइंट नगरोटा में भी लगाए गए हैं। दो प्वाइंट में एक साथ चार बस दो से ढाई घंटे में पूरी चार्ज हो जाने पर 150 किलोमीटर दौड़ सकेंगी। श्रीनगर के बेमिना और लाल चौक में भी बसों के चार्जिग के लिए प्वाइंट बना दिए गए हैं। इसके दौड़ने से यात्रियों को शोरगुल और प्रदूषण युक्त बसों में सफर करने से निजात मिलेगी।
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इलेक्ट्रिक बस की खूबियां
- आरामदायक यात्रा के लिए बस में विदेशी सीट लगाई गई है।
- यात्रियों की सुविधा के लिए एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन।
- बस में प्रवेश और निकासी के दोनों डोर आटोमेटिक।
- केवल ड्राइवर ही खोल सकेगा दोनों डोर।
- बिना गियर वाली आटोमेटिक ट्रांसमिशन से लैस।
- बस में क्लच नहीं, सिर्फ एक्सीलेटर और ब्रेक।
- गाड़ी की अधिकतम स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।
- गाड़ी में कुल चार कैमरे स्थापित किए गए हैं।
- जीपीआरएस सिस्टम की सुविधा से लैस। -हर सीट के ऊपर लगा है पैनिक बटन
मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट द्वारा महिलाओं की सुरक्षा को सर्वाेपरि मानते हुए हर बस में जीपीएस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। सार्वजनिक बस में यदि कोई महिला यात्री असुरक्षित महसूस करती हैं तो वह पैनिक बटन दबा सकती है। संबंधित यात्री द्वारा पैनिक बटन दबाते ही ट्रांसपोर्ट विभाग के साथ पुलिस कंट्रोल रूम के पास अलर्ट पहुंच जाएगा। वाहन में जीपीएस की सुविधा होने से पुलिस उस वाहन को ट्रैक कर सकेगी। ऐसे में किसी भी यात्री को मुसीबत के समय तुरंत सहायता पहुंचाई जा सकेगी।