जम्मू-कश्मीर में बंद हुए 80 फीसद निजी बीएड कॉलेज, 151 बीएड कॉलेज में से 30 में ही पढ़ाई हो रही
जम्मू विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेज की बात हो तो पता चलता है कि गत जुलाई अगस्त के अकादमिक सत्र में करीब 2500 विद्यार्थियों के ही दाखिले हुए थे।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर के बीएड कॉलेज बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों पर ही निर्भर रहे हैं। बाहरी राज्यों से ही 70 फीसद से अधिक विद्यार्थी पढऩे के लिए आते रहे हैं, लेकिन अब उनकी संख्या में कमी आने से राज्य में करीब 80 फीसद प्राइवेट बीएड कॉलेज बंद हो गए हैं।
जम्मू कश्मीर में 151 प्राइवेट बीएड कॉलेज थे, लेकिन 30 में ही बीएड कोर्स की पढ़ाई हो रही है। जम्मू संभाग में 74 और कश्मीर संभाग में 77 बीएड कॉलेज थे। जम्मू संभाग के प्राइवेट बीएड कॉलेज जम्मू विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त थे। कश्मीर संभाग के बीएड कॉलेज कश्मीर विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त थे। पांच साल पहले कॉलेजों के बंद होने का सिलसिला शुरू हुआ था।
बीएड कॉलेज के बंद होने के प्रमुख कारण
बाहरी राज्यों में बड़ी संख्या में प्राइवेट बीएड कॉलेजों का खुलना, बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों की संख्या में भारी कमी आना, बीएड डिग्री कोर्स की अवधि एक साल से बढ़कर दो साल होना और पीजी के अन्य कोर्सों की तरफ युवाओं का रुझान होने से भी बीएड करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भारी कमी आई है।
सीटें 10 हजार, 2500 विद्यार्थियों ने ही लिए दाखिले
जम्मू विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेज की बात हो तो पता चलता है कि गत जुलाई, अगस्त के अकादमिक सत्र में करीब 2500 विद्यार्थियों के ही दाखिले हुए थे। हालांकि सीटें 10 हजार से अधिक थीं। पहले जब 74 कॉलेज चलते थे तो उस समय 22 हजार से अधिक सीटें होती थीं, जिनमें दाखिला पाने के लिए विद्यार्थियों में होड़ लगी रहती थी। कॉलेजों ने तो अब साल बीतने के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आवेदन करना भी बंद कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव तलत परवेज रोहेल्ला का कहना है कि जम्मू कश्मीर में 80 फीसद से अधिक प्राइवेट बीएड कॉलेज बंद हो गए हैं। किसी समय कॉलेजों की संख्या बहुत अधिक थी, लेकिन अब अधिकतर कॉलेज बंद हो गए हैं।
सात वर्षों में कॉलेजों की संख्या में 11 फीसद कमी आई
जम्मू कश्मीर में गत सात वर्षों के दौरान कॉलेजों की संख्या में करीब 11 फीसद की कमी आई है। इसका खुलासा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजूकेशन की रिपोर्ट में हो चुका है। वर्ष 2018-19 की यह रिपोर्ट गत अगस्त में आई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2012-13 से लेकर 2018-19 के दौरान 36 कॉलेज बंद हो गए थे।
बीएड कॉलेजों को खोलना बन गया था मुनाफे का बिजनेस
वर्ष 2004 से 2012 के बीच जम्मू कश्मीर में प्राइवेट बीएड कॉलेजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ था। उस समय कॉलेज खोलना मुनाफे का बिजनेस बन गया था। हजारों की संख्या में विद्यार्थियों का जम्मू कश्मीर आना और एक साल की बीएड करना कॉलेज प्रबंधन के लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा था। तब बीएड में मेरिट भी काफी अधिक रहता था। उस समय कॉलेजों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगते रहे कि विद्यार्थियों की गैर हाजिरी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है। उसके बाद बीएड का रुझान कम होता गया।
डिस्टेंस एजूकेशन विभाग में निर्धारित पांच सौ सीटों को भी नहीं भरा गया
जम्मू विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजूकेशन विभाग में इस बार पांच साल के बाद बीएड कोर्स शुरू की गई, लेकिन विद्यार्थियों का रुझान बहुत कम रहा। हालत यह रही कि निर्धारित पांच सौ सीटों को भी नहीं भरा जा सका। मात्र सवा तीन सौ सीटों को भरा गया। हालांकि विश्वविद्यालय ने मेरिट को 40 फीसद से भी कम कर दिया था।
अगले अकादमिक सत्र से 50 नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे
जम्मू कश्मीर में अगले अकादमिक सत्र से 50 नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने वर्ष 2020 में 50 कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इस साल जम्मू कश्मीर में 50 नए कॉलेज खोले जा चुके हैं। अगले साल नए कॉलेजों के लिए इलाकों की पहचान करने के लिए कमेटी का गठन किया गया था। सरकार ने उन इलाकों को कवर करने के लिए कहा था, जहां कॉलेज नहीं हैं। कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही नए कॉलेज खोले जाएंगे। तलत परवेज रोहेल्ला का कहना है कि अगले सत्र से 50 कॉलेज खोलने के लिए जगहों का आकलन कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही किया जाएगा।