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Jammu Kashmir: जम्मू सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक की आठ शाखाओं का होगा विलय

बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की बैठक में बैंक के एक जनरल मैनेजर को भी सस्पेंड कर उसके खिलाफ जांच शुरू की गई है। बैंक के इस जनरल मैनेजर पर आरोप है कि उन्होंने अनुबंध आधारित कर्मचारियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद बिना अधिकार उनकी सेवाओं को जारी रखा।

By Edited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 06:07 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 06:26 AM (IST)
Jammu Kashmir: जम्मू सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक की आठ शाखाओं का होगा विलय
यह ध्यान रखा जाए कि ग्राहकों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

जागरण संवाददाता, जम्मू: केंद्र सरकार की ओर से जिस तरह राष्ट्रीय बैंकों का विलय किया जा रहा है, उसी तर्ज पर कोआपरेटिव विभाग ने जम्मू सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक की शाखाओं का भी विलय करने का फैसला किया है। बैंक के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने फैसला किया है कि कम कारोबार करने वाली शाखाओं का विलय किया जाएगा। इसके लिए आठ शाखाएं चिन्हित की गई हैं और इन शाखाओं के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार मैनेजिंग डायरेक्टर व जनरल मैनेजर को दिए जाएंगे।

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यह फैसला शुक्रवार को विभाग के प्रमुख सचिव एवं बैंक के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। नवीन चौधरी ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बैंक की उन शाखाओं की निशानदेही करें जिनका कारोबार काफी कम है। ऐसी शाखाओं का विलय किया जाए, लेकिन ऐसा करते समय यह ध्यान रखा जाए कि ग्राहकों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की बैठक में बैंक के एक जनरल मैनेजर को भी सस्पेंड कर उसके खिलाफ जांच शुरू की गई है। बैंक के इस जनरल मैनेजर पर आरोप है कि उन्होंने अनुबंध आधारित कर्मचारियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद बिना अधिकार उनकी सेवाओं को जारी रखा।

इस मामले को लेकर कोर्ट में दायर केस में भी झूठा हलफनामा देते हुए कहा कि कर्मियों की सेवाओं को जारी रखने का फैसला बोर्ड के पास विचाराधीन है, जबकि बोर्ड के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया था। पद के इस दुरुपयोग का कड़ा संज्ञान लेते हुए बोर्ड ने शुक्रवार को आरोपित जीएम को सस्पेंड करते हुए पंद्रह दिनों के भीतर उनके खिलाफ आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया।

बोर्ड की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि बैंकिंग सेक्टर के एक अनुभवी व्यक्ति तथा एक अनुभवी चार्टेड अकाउंटेंट को बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा। बोर्ड ने सरफसी एक्ट के तहत वसूली करने व एक अनुभवी वकील को बैंक का कानूनी सलाहकार नियुक्त करने का भी फैसला लिया।


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