कोरोना संक्रमण से बचने के लिए घरों में मनाई गई बकरीद
जागरण संवाददाता जम्मू कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए ईद अल-अजहा य
जागरण संवाददाता, जम्मू : कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए ईद अल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार सादगी के बावजूद पूरे उत्साह के साथ मनाया गया।
शहर में किसी भी मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा नहीं की गई, लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में पूरी श्रद्धा के साथ नमाज पढ़ी। नमाज के बाद दोस्तों, रिश्तेदारों को फोन, सोशल मीडिया से मुबारकबाद दी गई। कोरोना महामारी को देखते हुए पहले से ही धर्मगुरुओं ने घर में ही लोगों को नमाज अदा करने और शारीरिक दूरी के साथ नमाज पढ़ने की अपील की थी। जम्मू में सप्ताह के अंत में शुक्रवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक लॉकडाउन के चलते भी लोग एक दूसरे के घरों में मुबारकबाद देने नहीं पहुंच सके। हालांकि तालाब खटिका, बठिडी, गुज्जर नगर, उस्ताद मोहल्ला, न्यूप्लाट, जानीपुर और दूसरे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में लोगों का उत्साह देखते ही बना।
गौरतलब है कि इस्लाम धर्म मानने वालों के लिए दो सबसे बड़े त्योहार ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अजहा हैं। ईद-उल-फित्र को मीठी ईद कहते हैं, यह ईद रमजान के महीने भर के रोजे रखने के बाद मनाई जाती है, जबकि ईद-उल-अजहा बकरीद को कहते हैं, जिस पर कुर्बानी की जाती है। ईद-उल-फितर की तरह ही बकरीद का त्योहार भी तीन दिन तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और तीन दिन तक कुर्बानी का सिलसिला चलता है। जम्मू में भी लोगों ने कुर्बानी देनी शुरू कर दी है और यह अगले दो दिन तक जारी रहेगा। -------------
कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए की दुआ
अकरम खान का कहना है कि हर पर्व त्योहार की अपनी अलग ही खुशी होती है। बड़ी ईद का वर्ष भर इंतजार रहता है। बच्चों को ईदी का इंतजार होता है तो घर के बडे़ कुर्बानी की तैयारी में रहते हैं। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते बाजारों में रौनक तो नहीं रही। लॉकडाउन के कारण बाजार तो सुनसान ही रहे, लेकिन घरों में हर वर्ष की तरह के ही कार्यक्रम हुए हैं। सभी ने नमाज अदा करते हुए कोरोना महामारी से छुटकारे के लिए भी दुआ की है। बच्चों ने अपने लिए खरीदारी पहले ही कर रखी थी। इस वर्ष अगर कोई कसर रह भी जाएगी तो कोरोना से मुक्ति मिलने के बाद अगले वर्ष इससे भी ज्यादा जोश और उत्साह के साथ ईद मनाई जाएगी।