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Jammu Kashmir: अटैच अध्यापकों पर गिरेगी गाज, पढ़ाने के लिए स्कूलों में तैनात करने के निर्देश

स्कूल शिक्षा विभाग कश्मीर ने सभी प्राइवेट स्कूलों को फिर से कहा है कि वे फीस को लेकर विभाग के नियमों का पालन करें। मासिक ट्यूशन फीस ही हासिल करें।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 11:21 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 02:42 PM (IST)
Jammu Kashmir: अटैच अध्यापकों पर गिरेगी गाज, पढ़ाने के लिए स्कूलों में तैनात करने के निर्देश
Jammu Kashmir: अटैच अध्यापकों पर गिरेगी गाज, पढ़ाने के लिए स्कूलों में तैनात करने के निर्देश

जम्मू, राज्य ब्यूरो। स्कूल शिक्षा विभाग के जम्मू और कश्मीर के निदेशकों के कार्यालयों में अटैच अध्यापकों पर गाज गिरने वाली है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने ट्वीट करके दोनों निदेशकों से कहा है कि वे अपने अपने कार्यालयों में अटैच अध्यापकों के प्रस्ताव बनाकर भेजें ताकि उन्हें स्कूलों में पढ़ाने के लिए तैनात किया जा सके।

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उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग जम्मू की निदेशक से यह भी कहा है कि मुख्य शिक्षा अधिकारियों और जोनल शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों में अटैच सभी अध्यापकों को हटाए और अध्यापन में लगाए। उन अध्यापकों को छोड़ दिया जाए जिनकी कोविड 19 में डयूटी लगी हुई है।

बताते चले कि अध्यापकों की अटैचमेंट को समाप्त करने के लिए समय समय पर काफी प्रयास किए जाते रहें है लेकिन सफल नहीं हुए है। लोकप्रिय सरकारों के समय में तो अटैचमेंट बहुत बड़े पैमाने पर होती रही है। उपराज्यपाल प्रशासन में प्रमुख सचिव की सक्रियता से अटैचमेंट पर काफी हद तक काबू पाने में सफलता मिल रही है। 

स्कूलों को निर्देश, सिर्फ ट्यूशन फीस ही लें: स्कूल शिक्षा विभाग कश्मीर ने सभी प्राइवेट स्कूलों को फिर से कहा है कि वे फीस को लेकर विभाग के नियमों का पालन करें। मासिक ट्यूशन फीस ही हासिल करें। विभाग के निदेशक युनूस मलिक ने तीस मार्च 2020 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि साल 2020-21 के सत्र में फीस में बढ़ोतरी न करें। जब स्कूल खुलें तब ही सालाना चार्ज महीनों के हिसाब से लें। कोई भी स्कूल आन लाइन शिक्षा उपलब्ध करवाने से इंकार नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि 17 जून को भी निदेशालय से आदेश जारी कर स्पष्ट किया गया था कि सिर्फ मासिक ट्यूशन फीस ही लेनी है। यह प्रक्रिया कोरोना से उपजे हालात तक चलेगी। नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी और उनकी मान्यता को भी रद्द किया जा सकता है। 


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