जम्मू-कश्मीर में होगी ई-आफिस व्यवस्था, 5 स्कैनिंग सेंटरों में फाइलों को डिजिटिल रूप देने का काम शुरू
E-office system in Jammu Kashmir रिकार्ड की स्कैनिंग व डिजिटिलाइजेशन करने की प्रक्रिया पर 67.62 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। जम्मू कश्मीर में ई आफिस सिस्टम स्थापित करने को गत दिनों सरकार ने मंजूरी दे दी। यह सारी कार्रवाई डिजीटल इंडिया मुहिम के तहत की जा रही।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में ई आफिस व्यवस्था से कामकाज को पारदर्शी बनाने की मुहिम शुरू हो गई। कार्यालयों में पेपरलैस कामकाज के लिए जम्मू में सात सेंटरों पर सरकारी विभागाें की फाइलों की डिजिटिलाइजेशन की कार्रवाई शुरू हो गई।
सरकार के दरबार को श्रीनगर ले जाने से करीब एक महीना पहले 31 मार्च तक मूव करने वाले सभी 47 विभागों के रिकार्ड व फाइलों को डिजीटल स्वरूप दे दिया जाएगा। ऐसे में मई माह में श्रीनगर में दरबार के खुलते ही कामकाज की नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी। ऐसे में ग्यारह सरकारी विभागों में डिजिटिलाइजेशन पंद्रह दिनों व 36 विभागों की डिजिटिलाइजेशन दस दिनों के अंदर पूरी की जानी है। ऐसे में यह कामकाज छुट्टियों के दिनों में चलता रहेगा।
रिकार्ड की स्कैनिंग व डिजिटिलाइजेशन की जिम्मेवारी संभालने वाले स्कैनिंग सेंटर मंगलवार से खुल गए हैं। हमारे पास विभागों की फाइलें आना शुरू हो गई हैं। डाटासाफ्ट कंप्यूटर सर्विस के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार से उनकी कार्रवाई तेज हो जाएगी।
डाटासाफ्ट कंप्यूटर सर्विस के साथ आइक्राफ्ट साफ्टवेयर, जेआईएल इन्फारमेशन टेक्नालाजी, इ नेट स्पाइडर टेक्नालाजी, प्रज्ञावान टेक्नालाजी व गुजरात इन्फोटेक को रिकार्ड के डिजिटिलाइजेशन की जिम्मेवारी मिली है। ग्यारह विभागों को छोड़ कर अन्य सभी सरकारी विभागों के रिकार्ड की डिजिटिलाइजेशन 26 मार्च तक पूरी करनी होगी। ग्यारह विभागों का रिकार्ड, फाइलों को पंद्रह दिन में 31 मार्च तक डिजिटिलाइज करने का समय मिला है।
इसी बीच सरकारी विभागों को अपने रिकार्ड व फाइलों को स्कैन व डिजिटलाइज करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पालन करना होगा। विभागों ने इसके लिए नोडल अधिकारी बनाए हैं जिनकी जिम्मेवारी होगी कि रिकार्ड के डिजिटिलाइजेशन में कोई कमी न हो।
रिकार्ड की स्कैनिंग व डिजिटिलाइजेशन करने की प्रक्रिया पर 67.62 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। जम्मू कश्मीर में ई आफिस सिस्टम स्थापित करने को गत दिनों सरकार ने मंजूरी दे दी। यह सारी कार्रवाई डिजीटल इंडिया मुहिम के तहत की जा रही। नई व्यवस्था में फाइलों के रखरखाव व दरबार मूव के दौरान इन्हें नुकसान पहुंचने का झंझट खत्म हो जाएगा।