Drug Smuggling: कोर्ट ने पूछा जम्मू-कश्मीर में नशे की वास्तविक स्थित बताए सरकार
Drug Smuggling याचिकाकर्ता का कहना है कि इस समय आतंकवाद से ज्यादा खतरा नशे से बना हुआ है जो युवाओं के दिमाग को धीरे धीरे प्रदूषित कर उन्हें मौत की कगार पर ले जा रहा है। याचिकाकर्ता ने इस संदर्भ में कुछ ऐसे मामलों का भी ब्यौरा दिया है।
जम्मू, जेएनएफ: जम्मू कश्मीर में नशे को लेकर विशेष अभियान चलाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सरकार से नशे की मौजूदा वास्तविक स्थिति बारे जानकारी मांगी है। कानून के छात्र अर्थव महाजन ने इस जनहित याचिका दायर किया था जिस पर चीफ जस्टिस पंकज मिथल आैर जस्टिस रजनीश ओसवाल सुनवाई कर रहे हैं।
एडवोकेट दीपिका महाजन और सुप्रिया चौहान को सुनने के बाद बेंच ने इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मौजूदा स्थिति की जानकारी के अलावा उनसे यह भी पूछा है कि क्या पुलिस इस पर नियंत्रण कर पा रही है। बेंच ने इस संदर्भ में एक महीने के भीतर हल्फनामा पेश करने के आदेश सरकार को दिए। अर्थव महाजन ने याचिका में कहा है कि इस समय नशा बहुत तेजी से फैल रहा है। इसकी गिरफ्त में लड़कियां भी आ रही है और नशा करने वाले युवाओं में कई 13 या 14 वर्ष के किशोर व किशोरियां भी शामिल हैं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस समय आतंकवाद से ज्यादा खतरा नशे से बना हुआ है जो युवाओं के दिमाग को धीरे धीरे प्रदूषित कर उन्हें मौत की कगार पर ले जा रहा है। याचिकाकर्ता ने इस संदर्भ में कुछ ऐसे मामलों का भी ब्यौरा दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस इसको लेकर गंभीर नहीं है। जम्मू शहर में नशा सरेआम बिक रहा है जबकि कुछ मामलों में पुलिसकर्मियों की संलिप्ता भी सामने आई है।