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Drug De-addiction Centre Jammu: नशा मुक्ति केंद्र से 18 युवक भागे, एक का मिला शव; स्टाफ फरार

मोहित की मौत की सूचना मिलते ही जब वहां रहने वाले अन्य युवकों के परिजन नशा मुक्ति केंद्र में पहुंचे तो केंद्र खाली था। स्टाफ के सदस्य अपने पहचान पत्र छोड़ गए थे। इसके साथ उन्होंने पंजाबी में विजयपुर पुलिस के नाम पत्र लिख रखा था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 07:58 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 07:59 AM (IST)
Drug De-addiction Centre Jammu: नशा मुक्ति केंद्र से 18 युवक भागे, एक का मिला शव; स्टाफ फरार
जाते समय वह केंद्र में लगे सीसीटीवी की डीवीआर और हार्ड डिस्क भी साथ ले गए।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जिला सांबा के विजयपुर इलाके में पंजाब की एक गैर सरकारी संस्था की ओर से चलाए जा रहे न्यू लाइफ नशा मुक्ति केंद्र से 18 युवक संदिग्ध परिस्थितियों में खिड़की तोड़कर भाग निकले। इनमें से एक युवक का शव संदिग्ध हालात में उसके पड़ोसी के घर जम्मू के मस्तगढ़ मोहल्ले से बरामद हुआ।

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युवक की मौत के लिए परिजनों ने नशा मुक्ति केंद्र को जिम्मेदार ठहराया। इस बीच, गवर्नमेंट मेडिकल कालेज (जीएमसी) अस्पताल में परिवार के सदस्यों की वहां पहुंचे नशा मुक्ति केंद्र के कुछ लोगों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। उधर, घटना के बाद से केंद्र का सारा स्टाफ अपने पहचान पत्र और पंजाबी में घटना का ब्यूरो एक पत्र में लिखकर भाग निकला। जाते समय वह केंद्र में लगे सीसीटीवी की डीवीआर और हार्ड डिस्क भी साथ ले गए।

बताया जा रहा है कि केंद्र अभी पंजीकृत भी नहीं था, केवल संबंधित विभाग में पंजीकरण का आवेदन किया गया था। यह केंद्र तीन वर्षों से चल रहा था। वहीं, देर रात पुलिस ने दावा किया है कि भागे अधिकतर युवक अपने घरों में पहुंच गए हैं। मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही उसकी मौत के कारणों का पता चल पाएगा।

मृतक युवक की पहचान 27 वर्षीय मोहित शर्मा पुत्र स्व. अशोक कुमार शर्मा निवासी मस्तगढ़ मोहल्ला, जम्मू के रूप में हुई है। बेटे की मौत की सूचना मिलने पर जीएमसी पहुंची मोहित की माता अनीता शर्मा ने बताया कि बीते दो माह से उनका बेटा विजयपुर के नशा मुक्ति केंद्र में उपचार करवा रहा था। इस केंद्र को पंजाब के डाक्टर सुखविंदर सिंह चला रहे थे।

मंगलवार सुबह उन्हें पुलिस का फोन आया कि मोहित की तबीयत खराब है। उसे जीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना के समय वह अपने मायके ऊधमपुर में गई हुई थी। वह तुरंत अस्पताल पहुंची तो उन्हें पता चला कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है। नशा मुक्ति केंद्र के प्रबंधक को जब उन्होंने फोन किया तो बताया गया कि उनका बेटा 17 अन्य युवकों के साथ सोमवार रात केंद्र की खिड़की पर लगी लोहे की ग्रिल को तोड़ कर फरार हो गया था। मोहित का शव उनके पड़ोस में रहने वाले राज कुमार के घर से मिला है। राज कुमार अकेला ही रहता है।

अनीता शर्मा ने कहा कि वह कई बार अपने बेटे से मिलने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में गई थी, लेकिन उन्हें मोहित से मिलने की इजाजत नहीं दी जाती थी। केवल वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में ही बेटे की तस्वीर दिखा दी जाती थी। इतनी सख्ती के बावजूद कैसे मोहित अन्य युवकों के साथ केंद्र से भाग निकला। उसकी मौत के लिए नशा मुक्ति केंद्र ही जिम्मेदार है।

इस बीच, मोहित की मौत की खबर मिलने पर नशा मुक्ति केंद्र की ओर से कुछ लोग जीएमसी पहुंचे। उन्हेंं देख कर मोहित की मां और दोनों बहनों का गुस्सा फूट गया। उनमें धक्का-मुक्की भी हुई। परिवार के रोष को देखते हुए नशा मुक्ति केंद्र के लोग वहां से भाग गए। मौके पर मौजूद पुलिस कॢमयों ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला।

पंजाबी में पत्र लिख कर भाग गया स्टाफ : मोहित की मौत की सूचना मिलते ही जब वहां रहने वाले अन्य युवकों के परिजन नशा मुक्ति केंद्र में पहुंचे तो केंद्र खाली था। स्टाफ के सदस्य अपने पहचान पत्र छोड़ गए थे। इसके साथ उन्होंने पंजाबी में विजयपुर पुलिस के नाम पत्र लिख रखा था। पत्र में लिखा था कि सोमवार शाम को केंद्र में भर्ती सभी 18 युवाओं ने उनपर हमला किया। इसके बाद वहां पड़े सिलेंडर की मदद से खिड़की की ग्रिल को तोड़ी और वहां से भाग निकले। यह खिड़की सड़क से करीब 20 फुट ऊपर है।

पड़ोसी से भी पूछताछ की गई : चौकी प्रभारी चौक चबूतरा स्वरूप सिंह ने बताया कि पड़ोसी राज कुमार से भी पूछताछ की गई है। उसने बताया कि मोहित बीती रात करीब 12 बजे उसके घर पर आया था। चूंकि वह उसका पड़ोसी था, इसलिए उसने मोहित को शरण दी थी। सुबह जब वह उठा तो मोहित की मौत हो चुकी थी।

पुलिस नजर बनाए हुए : एसएसपी सांबा राजेश शर्मा ने बताया कि मोहित की मौत जम्मू में हुई है। जम्मू पुलिस जांच कर रही है। सांबा पुलिस भी मामले पर नजर रखे हुए है।

अधिकतर युवक अपने घर पहुंचे : रात को एसडीपीओ विजयपुर लव करण ने कहा कि केंद्र से भागे अधिकतर युवक अपने घर पहुंच गए हैं। किसी भी युवक के परिजन ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई है। यह भी बताया जा रहा है कि कुल 14 युवक थे। इसकी भी जांच की जा रही है।

पहले भी रद हो चुका लाइसेंस: मोगा के बाघापुराना के गांव आलमवाला में डा. सुखजिंदर सिंह का नशा छुड़ाओ केंद्र है, जो न्यू वे नशा छुड़ाओ केंद्र के नाम से चल रहा है। अप्रैल, 2019 में एडीसी अनीता दर्शी ने सेंटर को लेकर आ रही शिकायतों के चलते इसे बंद करा दिया था, उसका लाइसेंस भी रद कर दिया था। इसका दूसरा केंद्र जम्मू में चल रहा था। आलमवाला का सेंटर बंद होने के बाद उसने बाद में सेंटर का नाम बदल लिया था। अभी डा. सुखजिंदर सिंह का मोबाइल फोन बंद आ रहा है। उसने नाम भी डा. सुखजिंदर सिंह की जगह डा. सुखवंत सिंह कर लिया था।

अनसुलझे सवाल :

  1. नशा मुक्ति केंद्र का स्टाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाने के बजाए भाग क्यों गया।
  2. स्टाफ के सदस्य केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर और हार्ड डिस्क साथ क्यों ले गए। आखिर वहां क्या हुआ था, जिसे छिपाया जा रहा है।
  3. जिस खिड़की की लोहे की ग्रिल तोड़कर युवकों के भागने की बात की जा रही है, उसे पुलिस के आने से पहले बैल्डिंग क्यों कर दिया गया।
  4. मोहित केंद्र से शाम करीब सात बजे भागा था। चार से पांच घंटे तक वह कहा और किसके साथ रहा। रात 12 बजे वह अपने पड़ोसी के घर पहुंचा। 

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