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Drone Alert In Jammu Kashmir : सीमा पार ड्रोन को अधिक वजन के साथ उड़ाने की रची जा रही साजिश

सुरक्षा एजेंसियों ने जिले के सभी सीमांत क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है और लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। इससे पहले सीमा सुरक्षा बल सांबा हीरानगर कठुआ सहित कई सीमावर्ती क्षेत्रों में भी ड्रोन से हथियार गिराने की साजिश नाकाम बना चुके हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 08:36 AM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 12:23 PM (IST)
Drone Alert In Jammu Kashmir : सीमा पार ड्रोन को अधिक वजन के साथ उड़ाने की रची जा रही साजिश
कुछ दिन पहले तक लांचिंग पैड के आसपास ये ड्रोन 10 से 15 फुट ऊंचाई तक उड़ते देखे गए थे।

सांबा, निश्चंत सिंह: भले ही सरहद पर संघर्ष विराम समझौते के चलते शांति हो, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकी साजिशें बंद नहीं की हैं। ड्रोन की मदद से भारतीय सीमा में हथियार पहुंचा रही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ अब आतंकियों को हेक्साकाप्टर (बड़े आकार का ड्रोन) को अधिक वजन के साथ उड़ाने का प्रशिक्षण दे रही है, ताकि एक ही बार में अधिक से अधिक हथियार भारतीय क्षेत्र में गिराए जा सकें।

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पाकिस्तान के जिला नारोवाल की तहसील शक्करगढ़ में आइएसआइ ने इसके लिए बकायदा दो लांचिंग पैड बनाए हैं, जहां पिछले एक महीने से निरंतर प्रशिक्षण चल रहा है। इस दौरान जांचा जा रहा है कि हेक्साकाप्टर अधिकतम कितना वजन उठाकर कितनी ऊंचाई तक उड़ सकता है। पाकिस्तान द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर नापाक हरकत करने की आशंका के चलते भारतीय सुरक्षा बल भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को आइएसआइ की इस साजिश का पता चल गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने जिले के सभी सीमांत क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है और लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। इससे पहले सीमा सुरक्षा बल सांबा, हीरानगर, कठुआ सहित कई सीमावर्ती क्षेत्रों में भी ड्रोन से हथियार गिराने की साजिश नाकाम बना चुके हैं।

50 से 60 किलो वजन उठाकर उड़ रहे हेक्साकाप्टर : सूत्रों के अनुसार, सीमा पार लांचिंग पैड में हेक्साकाप्टर 50 से 60 किलो तक वजन के साथ 35 से 40 फीट ऊंचाई तक उड़ान भरते देखे गए हैं। कुछ दिन पहले तक लांचिंग पैड के आसपास ये ड्रोन 10 से 15 फुट ऊंचाई तक उड़ते देखे गए थे।

ड्रोन हमलों के लिए बनी है अलग ब्रिगेड : भारत में ड्रोन हमले के लिए आइएसआइ ने अलग से ब्रिगेड तैयार की है, जिसमें ड्रोन इंजीनियर और टेक्नीशियन शामिल हैं। इसके साथ ही जैश और लश्कर के आतंकी भी कंट्रोल रूम में भेजे गए हैं। इंजीनियर आतंकियों को ड्रोन असेंबल करना सिखा रहे हैं और टेक्नीशियन आतंकियों को ड्रोन उड़ाना सिखा रहे हैं।  


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