DRDO बनाएगा जम्मू और श्रीनगर में 500-500 बिस्तरों की क्षमता वाले दो Covid अस्पताल
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन 500-500 बिस्तरों की क्षमता वाले दो कोविड अस्पताल तैयार करेगा। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बुधवार को इन अस्पतालों के निर्माण को लेकर समीक्षा की। इनमें एक अस्पताल जम्मू और एक श्रीनगर में बनेगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) 500-500 बिस्तरों की क्षमता वाले दो कोविड अस्पताल तैयार करेगा। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बुधवार को इन अस्पतालों के निर्माण को लेकर समीक्षा की। इनमें एक अस्पताल जम्मू और एक श्रीनगर में बनेगा।
बैठक में मौजूद मुख्य सचिव ने बैठक में बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ सप्ताह से कोरोना के मामलों में तेजी आई है। अभी तक जो भी स्वास्थ्य सुविधाएं हैं,उनसे मरीजों की देखभाल और उपचार किया जा रहा है। लेकिन अगर इसी तरह की स्थिति रहती है तो आने वाले दिनों में इसकी भी आशंका है कि अस्पतालों में मरीजों किे लिए बिस्तर कम हो सकते हैं। इसी कमी को पूरा करने के लिए डीआरडीओ से अनुरोध है कि वे अस्थायी तौर पर 500-500 बिस्तरों की क्षमता वाले दो कोविड अस्पतालों का निर्माण करवाएं ताकि मरीजों काे कोई भी दिक्कत न हो। इन अस्पतालों में आइसोलेशल बेड के अलावा ऑक्सीजन की व्यवस्था हो और 125 आइसीयू के विस्तर हो।
जम्मू-कश्मीर में कोविड के मरीजों के लिए तैयार सुविधाओं का जायजा लेते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने जम्मू-कश्मीर सरकार से दोनो अस्पताल बनाने के लिए तत्काल जगह का चयन करने को कहा। उन्होने डीआरडीओ के अधिकारियों से भी विशेषज्ञों की सहायता से अनुमानित खर्च कास प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा। इस पर गृह सचिव को बताया गया कि जम्मू और कश्मीर सरकार ने बताया कि जम्मू और श्रीनगर दोनों ही जगहों पर जगह का चयन किया गया है।
पूर्व में भी डीआरडीओ ने 12 दिनों में एक हजार बिस्तरों की क्षमता वाला अस्थायी कोविड अस्पताल बनाया था। जम्मू-कश्मीर में भी 500-500 बिस्तरों की क्षमता वाले दो अस्पताल बनाने से यहां पर कोविड के मरीजों के इलाज में परेशानी नहीं आएगी। जागरण ने लगातार जम्मू-कश्मीर में कोविड के मरीजों के लिए कम हो रहे बिस्तरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। पहले तो प्रशासन किसी भी प्रकार की कमी से इंकार कर रहा था लेकिन अब मुख्य सचिव ने भी माना है कि अगर इसी तरह से मरीज आते रहे तो बिस्तर कम पड़ सकते हैं।बैठक में मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तिय आयुक्त अटल ढुल्लू, विभिन्न विभागों के केंद्रीय सचिव तथा डीआरडीओ के अधिकारी शामिल थे।