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श्रीनगर का डीआरडीओ अस्पताल पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट से लैस होगा, 25 बिस्तरों की क्षमता होगी

डीआरडीओ ने जम्मू कश्मीर में चार काेविड अस्पताल तैयार करने हैं। इनमें दो अस्पताल 500-500 बिस्तर वाले और दो अस्पताल 250-250 बिस्तर वाले हैं। फिलहाल 500 बिस्तर वाले दोनों अस्पताल अपने निर्माण के अंतिम दौरे में हैं। एक भगवती नगर जम्मू में और दूसरा खुनमोह श्रीनगर में बन रहा है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 03:31 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 03:31 PM (IST)
श्रीनगर का डीआरडीओ अस्पताल पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट से लैस होगा, 25 बिस्तरों की क्षमता होगी
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने डीआरडीओ कोविड अस्पताल में पीकू स्थापित करने का निर्देश दिया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोरोना संक्रमण से प्रभावित बच्चों के लिए उपचार सुविधा को बढ़ाने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुनमाेह में निर्माणाधीन डीआरडीओ कोविड अस्पताल में 25 बिस्तरों का क्षमता वाला पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीकू) स्थापित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि पीकू के लिए डाक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ अलग से तैनात किया जाना चाहिए। डीआरडीओ द्वारा खुनमोह में बनाए जा रहे 500 बिस्तर वाले कोविड अस्पताल का आज उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद मौके पर जायजा लिया। उन्होंने वहां मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों व वरिष्ठ नौकरशाहों को कोविड प्रबंधन और उपचार के लिए सभी उपाय लागू करने का निर्देश देते हुए कहा कि मेरे लिए लिए आम लोगों की जिंदगी से बढ़कर कोई चीज नहीं है।

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उल्लेखनीय है कि डीआरडीओ ने जम्मू कश्मीर में चार काेविड अस्पताल तैयार करने हैं। इनमें दो अस्पताल 500-500 बिस्तर वाले और दो अस्पताल 250-250 बिस्तर वाले हैं। फिलहाल, 500 बिस्तर वाले दोनों अस्पताल अपने निर्माण के अंतिम दौरे में हैं। इनमें से एक भगवती नगर जम्मू में और दूसरा यहां खुनमोह श्रीनगर में बन रहा है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज श्रीनगर पहुंचने के बाद खुनमोह में निर्माणाधीन डीआरडीओ अस्पताल का मौके पर जाकर जायजा लिया। उन्होंने वहां मौजूद संबधित अधिकारियों से कहा कि 5 जून को सभी उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं के साथ ट्रायल होना है। जो भी काम बचा है, उसे जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने निर्धारित समयावधि में ही अस्पताल में स्टाफ, चिकित्सा उपकरण, दवाएं व अन्य साजो सामान सुनिश्चित बनाने के उपायो पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटन के लिए अस्पतालों में एकीकृत स्वास्थ्य सुविधाओं का एकीकरण और द्रुत व प्रभावी हस्ताक्षेप के साथ उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने पर हमन पूरा ध्यान केंद्रित रखा है। आम लोगों की जिंदगी से बढ़कर मेरे लिए कुछ नहीं है। इसलिए पूरा प्रशासन जम्मू कश्मीर के हर हिस्से में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 24 घंटे प्रयत्नशील है।

उन्होंने इस दौरान नवजातों और बच्चाें के लिए विशेष उपचार सुविधा की महत्ता का जिक्र करते हुए कहा कोरोना सक्रमण बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में लेने लगा है। इसलिए सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों से लैस 25 बिस्तर वाला पीकू भी यहां बनाया जाए। उन्होंन सीटी स्कैन व अन्य मेडिकल इमेंजिंग तकनीकों को भी अस्पताल में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू और श्रीनगर में डीआरडीओ के इन दो कोविड अस्पतालों के क्रियाशील होने केसाथ ही महामारी के खिलाफ जारी जंग में प्रदेश सरकार और ज्यादा मजबूत होगी। इस अवसर पर मौजूद संबंधित अधिकारियों ने उपराज्यपाल को बताया कि डीआरडीओ काेविड अस्पताल में आईसीयू की 125 बिस्तरों की क्षमता वाला है जबकि 375 बिस्तर आक्सीजन की सुविधा से लैस हैं। 


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