नाट्योत्सव में शामिल होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही नाट्य संस्थाएं
कोई भी संस्था नाट्योत्सव में भाग लेने से चूकना नहीं चाहती। इन दिनों केएल सहगल हाल में रिहर्सल दिखाने का सिलसिला जारी है। हरेक नाट्य संस्था रिहर्सल में कसर नहीं छोड़ रही।
जम्मू, जागरण संवाददाता। जिला वार्षिक नाट्योत्सव 12 नवंबर से शुरू करवाने की घोषणा की गई है। जम्मू-कश्मीर, कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित होने वाले वार्षिक नाट्योत्सव में प्रवेश पाने के लिए नाट्य संस्थाएं एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। कोई भी संस्था नाट्योत्सव में भाग लेने से चूकना नहीं चाहती। इन दिनों केएल सहगल हाल में रिहर्सल दिखाने का सिलसिला जारी है। हरेक नाट्य संस्था रिहर्सल में कसर नहीं छोड़ रही।
नाट्योत्सव में शामिल होने की प्रक्रिया पिछले महीने से शुरू है। अभी तक 30 से ज्यादा नाट्य संस्थाओं ने हिन्दी, डोगरी, पंजाबी, उर्दू, कश्मीरी नाटकों की स्क्रिप्ट जमा करवा दी है। जिनकी स्क्रीनिंग चार नाटककारों को करने के लिए दी गई है। नाट्योत्सव इंचार्ज डा. सुधीर महाजन ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी देखती है कि नाटक मंचन के काबिल है कि नहीं। इसमें किसी प्रकार के आपत्तिजनक संवाद न हों। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले या जाति धर्म, सांप्रदाय के नाम पर भटकाने जैसी बात न हो। इसके अलावा मंचन और लेखन को ध्यान में रखते हुए बहुत सी चीजों को देखा जाता है। स्क्रीनिंग के बाद 28 नाटक मंचन के काबिल पाए गए।
रिहर्सल में भी दिख रहा उत्साह
नाट्य संस्थाओं को रिहर्सल दिखाने के लिए बुलाया जा रहा है। सभी को उनकी सुविधा अनुसार रिहर्सल दिखाने की तिथि दी गई। केएल सहगल हाल में रिहर्सल देखने का सिलसिला जारी है। कलाकार रिहर्सल में भी उसी उत्साह के साथ अभिनय का प्रदर्शन कर रहे हैं, मानों आज ही मुख्य मंचन है। कलाकार नहीं चाहते कि उनकी थोड़ी सी लापरवाही के कारण वह नोट्योत्सव से बाहर हो जाएं।
नाटकों के चयन कर रहा तीन सदस्यीय निर्णायक दल
नाट्योत्सव में कितने नाटकों को मंचन करने का मौका देना है, इसका निर्णय वरिष्ठ नाट्य निर्देशकों एवं कलाकारों का गठित तीन सदस्यीय निर्णायक दल लेगा। अकादमी के सचिव डा. अजीज हाजिनी ने कहा कि निर्णायक दल जितने भी नाट्य संस्थाओं के नाटक मंचन के काबिल पाएगा अकादमी उन्हें वार्षिक नाट्योत्सव में मंचन करने की अनुमति देगी। अकादमी चाहती है कि अधिक से अधिक नाट्य संस्थाएं मंचन करें। रंगमंच के प्रोत्साहन के उद्देश्य से मंचन और अवार्ड मनी भी काफी बढ़ाई गई है। नाट्योत्सव में मंचन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।