Hello Doctor Jammu: डा. रक्षा शर्मा बोलीं- गर्भावस्था में नियमित रूप से जांच करवाएं महिलाएं
स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन अस्पताल अंबफला में स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. रक्षा शर्मा ने हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कही। डा.रक्षा गैस्ट्रो लीवर और गायनी क्लीनिक में भी विशेषज्ञ हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। अगर आप गर्भवती हैं तो यह जरूरी है कि अपने खानपान का ध्यान रखें और नियमित रूप से डाक्टर से जांच करवाएं। कईं बार डाक्टर से जांच नहीं करवाने पर प्रसव के दौरान समस्या होती है। कईं बार बच्चा भी स्वस्थ नहीं होता। उस समय काफी देर हो चुकी होती है।
यह बात स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन अस्पताल अंबफला में स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. रक्षा शर्मा ने हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कही। डा.रक्षा गैस्ट्रो, लीवर और गायनी क्लीनिक में भी विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि पहले की अपेक्षा अभी महिलाओं में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता आई है लेकिन अभी भी बहुत सी महिलाएं इलाज करवाने के लिए देरी से आती हैं।10 से 13 साल की उम्र में लें वैक्सीन डा. रक्षा ने कहा कि गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के मामले महिलाओं में बहुत आते हैं। अब तो तीस साल की उम्र में भी महिलाओं में यह मामले आने लगे हैं। इससे बचाव के लिए यह जरूरी है कि दस से 13 साल की उम्र में लड़कियां वैक्सीन लें। इससे इस कैंसर से बचाव संभव है। लेकिन अभी इसे लेकर महिलाओं में अधिक जागरूकता नहीं है।
इसीलिए जरूरी है नियमित जांच
डा. रक्षा ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से महिला का जांच करवाना जरूरी है। कई बार बच्चा पूरी तरह से विकसित नहीं होता है। इसमें मेंटल डिसआर्डर है। बहुत से टेस्ट ऐसे हैं जिनसे इनका गर्भावस्था के दौरान पता चल जाता है। ऐसे में बीस सप्ताह से पहले गर्भपात संभव है लेकिन बाद में रिस्क बढ़ जाता है। अच्छी डाइट का रखें ध्यानडा. रक्षा ने कहा कि महिलाएं अपनी दिनचर्या में इतनी व्यस्त रहती हैं कि अपने खानपान पर ध्यान नहीं देती है। इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे के अलावा उसके स्वयं के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त 300 कैलरी की जरूरत रहती है। इसीलिए गर्भावस्था में विशेष सावधानियां बरतनी होती है। बहुत सी महिलाओं में खून की कमी होती है। विटामिन डी की कमी देखने को मिलती है। अच्छी डाइट, पौष्टिक आहार आदि पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इससे बच्चा व मां दोनों स्वस्थ रहते हैं।गर्भावस्था में तनाव व्यस्त जिंदगी में पहले से ही तनाव में गर्भावस्था के दौरान वृद्धि होती है। आजकल इसके कई कारण है। बहुत ही लड़कियां अब तीस साल के आसपास शादी करती है। इससे इनफर्टिलिटी की समस्या भी बढ़ती है। यही नहीं मधुमेह, लीवर सहित कई समस्याएं आजकल बढ़ी है।
आजकल लड़कियां शादी के बाद एक या दो बाहर ही गर्भ धारण करना चाहती हैं। इसमेंवह सब कुछ सही चाहती हैं। इस कारण भी तनाव बढ़ता है। ऐसे समय में काउंसलिंग की भी जरूरत होती है। वजन बढ़ना हो सकता है पीसीओडीबाडी मास इंडेक्स के साथ वजन का अधिक होना, महावारी सही न होने से पीसीओडी (पालीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) के लक्षण हैं। इससे कई बार शादी के बाद बच्चा होने की समस्या भी बढ़ सकती है। वजन को नियंत्रित करके इसे ठीक किया जा सकता है। यह एक-दो दिन में नहीं होगा, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अधिक दिक्कत होने पर विशेषज्ञ से हार्मोनल ट्रीटमेंट लिया जा सकता है।