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सीडी अस्पताल जम्मू के एचओडी डॉ. राहुल ने दी सलाह- डॉक्टरों के कहे बिना न लें रेमेडिसविर इंजेक्शन

डाक्टर की सलाह के बाद ही इसे लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो लोग बिना कारण घर मं दवाई ले रहे हैंउन्हें इसके स्थान पर अपने शरीर के तापमान को देखना चाहिए। यही नहीं अपने आक्सीजन के स्तर की भी जांच लगातार करने की जरूरत है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 08:49 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 08:49 AM (IST)
सीडी अस्पताल जम्मू के एचओडी डॉ. राहुल ने दी सलाह- डॉक्टरों के कहे बिना न लें रेमेडिसविर इंजेक्शन
सरकारी अस्पतालों में सभी उचित प्रबंध हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: सीडी अस्पताल जम्मू में एचओडी डा. राहुल गुप्ता का कहना हक् कि बिना जांच किए रेमेडिसविर इंजेक्शन लगाना बिलकुल गलत है। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को आक्सीजन की जरूरत नहीं है या फिर घरों में बैठटे हैं, उन्हें इस इंजेक्शन की कोई जरूरत नहीं है।

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यह इंजेक्शन पहले इबोला के मरीजों को लगाया जाता थ। इससे अस्पताल में मरीज के रूकने की अवधि कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस एंटीवायरल इंजेक्शन के अपने साइड इफैक्ट हैं। इससे जिन मरीजों को मामूली लक्षण हैं, उन्हें डाक्टर की सलाह के बगैर यह नहीं लगाना चाहिए।

डाक्टर की सलाह के बाद ही इसे लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो लोग बिना कारण घर मं दवाई ले रहे हैं,उन्हें इसके स्थान पर अपने शरीर के तापमान को देखना चाहिए। यही नहीं अपने आक्सीजन के स्तर की भी जांच लगातार करने की जरूरत है। अगर आक्सीजन स्तर 94 से 90 आ जाता है तो एहतियात बरतने की जरूरत है। अगर 90 से कम आता है तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करे। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सभी उचित प्रबंध हैं।

जीएमसी में आक्सीजन जेनरेशन प्लांट का ट्रायल : राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में आक्सीजन जेनरेशन प्लांट का शनिवार को ट्रायल हुआ। हालांकि मेकेनिकल तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ट्रायल सफल होने का दावा किया है लेकिन इस दौरान कुछ दिक्कतें भी देखने को मिली है। इस प्लांट के दो यूनिटों का ट्रायल हुआ है। दोनों की क्षमता 2400 लीटर आक्सीजन प्रति मिनट है। ट्रायल शनिवार दोपहर को हुआ लेकिन इसका लगातार ट्रायल देर शाम तक किया जा रहा था ताकि मरीजों को कोई दिक्कत न हो। यह आक्सीजन जेनरेशन प्लांट चलने से जीएमसी में बाहर से आने वाली सप्लाई कम हो सकती है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जीएमसी में बिस्तरों की क्षमता कितनी की जाती है। इन दो यूनिटों के चलने से सौ के करीब बिस्तरों में आक्सीजन सप्लाई होगी।


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