Jammu And Kashmir: डॉ. जितेंद्र सिंह बोले, जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं
Jammu And Kashmir डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। सरकारी नौकरियों की बंदरबांट के लिए बिचौलियों का दौर खत्म हो चुका है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। Jammu And Kashmir: प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। सरकारी नौकरियों की बंदरबांट के लिए बिचौलियों का दौर खत्म हो चुका है। पारदर्शी तरीके से भर्ती से युवाओं को भविष्य बेहतर बनाने के लिए खुला मैदान है। डॉ. सिंह भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से आयोजित वेबिनार में संबोधित कर रहे थे। अब लो ग्रेड के पदों के लिए भर्ती सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर हो रही है। पहले इन पदों को भरने के लिए साक्षात्कार के दौरान कई बार नाइंसाफी हो जाती थी। अनुच्छेद 370 हटाने का एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में वेबिनार में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं के साथ पिछले सात दशकों से हो रहे भेदभाव का दौर अब समाप्त हो गया है।
मोदी सरकार सभी को उनकी उपलब्धियों व योग्यता के आधार पर बराबर नौकरियां देने की दिशा में कार्य कर रही है। डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए किसी प्रकार का कोई दवाब बर्दाश्त नहीं होगा। कोई भी सरकार हर व्यक्ति को नौकरी नहीं दे सकती, लेकिन सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह युवाओं को काबिल बनाए। जम्मू-कश्मीर में बदली व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वयं रोजगार के लिए भी बड़े अवसर उपलब्ध हैं। युवाओं को उद्योगों के लिए तैयार करने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहतर विकल्प मौजूद थे। प्रदेश में युवाओं की जो भी समस्याएं हैं, उन्हें दूर करने की दिशा में कार्रवाई चल रही है।
अनुच्छेद 370 से पहले होने वाले भेदभाव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वाल्मीकि समाज के युवाओं के पास पहले सफाई कर्मचारी बनने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उनके पास प्रदेश में नागरिकता का अधिकार न होना आड़े आ जाता था। वेबिनार में रियासी के प्रभात सिंह व रामबन के गुरदीप चिब ने युवाओं के प्रतिनिधियों के रूप में हिस्सा लेते हुए उनके मसले उजागर किए।