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Jammu Kashmir : लॉकडाउन में डोगरी रेडियो से जन-जन तक पहुंची डोगरी शख्सियतें

लॉकडाउन के दौरान डोगरी रेडियो शुरू किया और 4 अगस्त को इसका 100 वां अंक प्रसारित करने जा रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 03:41 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 03:41 PM (IST)
Jammu Kashmir : लॉकडाउन में डोगरी रेडियो से जन-जन तक पहुंची डोगरी शख्सियतें
Jammu Kashmir : लॉकडाउन में डोगरी रेडियो से जन-जन तक पहुंची डोगरी शख्सियतें

जम्मू, अशोक शर्मा : बेशक सरकार को जम्मू को डुग्गर चैनल देना मुश्किल लग रहा हो। लेकिन दिल में अपनी भाषा, संस्कृति, सभ्यता, विरासत के लिए मन में कुछ करने की चाहत हो तो कुछ भी करना मुश्किल नहीं होता। यह साबित कर दिखाया जम्मू के सुगम बराल, नेहा शर्मा, चंद्र शेखर, आशीष कोहली, डा. महेश कौल ने। जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान डोगरी रेडियो शुरू किया और 4 अगस्त को इसका 100 वां अंक प्रसारित करने जा रहे हैं। जो विख्यात संतूरवादक पद्मविभूषण पंडित शिव कुमार पेश करेंगे।

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इन सौ अंकों में डुग्गर क्षेत्र की हर उस शख्सियत को मौका मिला जिसने किसी भी क्षेत्र में जम्मू का गौरव बढ़ाया है। जिनमें पदमविभूषण पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. कर्ण सिंह, साहित्यकार पदमश्री पदमा सचदेव, पद्मश्री बलवंत ठाकुर, पदमश्री शिव निर्मोही, पूर्व मंत्री शाम लाल शर्मा, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दुष्यंत शर्मा, डोगरी साहित्यकार उषा किरण किरण, सिने स्टार मुकेशऋषि, सीमा अनिल सहगल, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह, पंडित गिरधारी लाल की बेटी निधि डोगरा, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित ओपी विद्यार्थी, सूरज सिंह, बृज मोहन, पृथ्वी राज शर्मा आदि शामिल थे।

यह प्रयास डोगरा सोसियो-कल्चरल एंड लिटररी ट्रस्ट जम्मू डायरी का है। जिसकी अध्यक्षता सुगम बराल करते हैँ, जो स्वयं एक संस्कृति कर्मी हैं। इससे पहले उन्होंने कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन किया हुआ है। दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम सुआदला जम्मू सराहनीय रहा था। इसके अलावा जनरल जोरावर सिंह आर्ट गैलरी, रियासी डिग्री कालेज, रियासी कैंपस, जम्मू यूनिवर्सिटी में स्थापित की। इसके अलावा नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते आ रहे हैं।

चंद्र शेखर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब उनके पास करने को कुछ नहीं था तो हम सभी दोस्तों के मन में हुआ कि क्यों न डोगरी रेडियो शुरू किया जाए। मन में विचार आते ही इसे देखते ही देखते अंतिम रूप दे दिया गया। हर रोज करीब एक घंटे का प्रसारण व्ह्टस एप, फेस बुक और दूसरे माध्यमों से होने लगा। इसकी लोकप्रियता कुछ दिनों में ही इतनी बढ़ गई की कब सौ कार्यक्रम पूरे हो गए पता ही नहीं चला। हालांकि इससे व्यस्तता इतनी बढ़ गई की हर दिन कार्यक्रम पेश करना अपने आप में चुनौती लगने लगा लेकिन सभी का सहयोग और जम्मू के लिए कुछ करने की ललक ने हर दिन नया जोश भरा। लोगों को प्रोत्साहन और अगले अंक के प्रसारण का बेसब्री से इंतजार होता देख हम सब मिलकर जल्द अपना ऐप लांच करने की सोच रहे हैं। उन्होंने इस दौरान चार सौ के करीब ऐसे डोगरी गीतों का बैंक बना लिया है, जो शायद हर डोगरा सुनना चाहेगा।

100वां एपिसोड पेश करने जा रहे संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा, डा. कर्ण सिंह, बलवंत ठाकुर आदि ने पूरी जम्मू डायरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि युवाओं के ऐसे ही प्रयास से डोगरी लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचेगी।


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