Jammu Kashmir : 30 जून तक वैध होंगे वाहनों के दस्तावेज
जम्मू के आरटीओ धनंतर सिंह ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को भी पत्र लिखकर सूचित किया गया है। वाहनों से संबंधित दस्तावेजों को 30 जून तक वैध माना जाएगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता । कोरोना वायरस महामारी के संकट की इस घड़ी में वाहन चालकों और ट्रांसपोर्टरों के लिए एक राहत भरी खबर है। जिन ट्रांसपोर्टरों और वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस सहित वाहन के संबंधित दस्तावेज पहली फरवरी तक वैध थे उन्हें 30 जून तक अब वैध माना जाएगा।
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 और सेंट्रल व्हीकल रुल्स, 1989 के तहत देशभर के सभी केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य सरकारों को आदेश जारी किए हैं कि सभी प्रकार के वाहनों की फिटनेस, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सहित अन्य संबंधित दस्तावेजों की वैधता अब 30 जून 2020 तक वैध मानी जाएगी। जम्मू-कश्मीर के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर कार्यालय से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।
जम्मू के आरटीओ धनंतर सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर कार्यालय की ओर से इस संबंध में केंद्र शासित प्रदेश के सभी रीनजल ट्रांसपोर्ट आफिसर, एआरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को भी पत्र लिखकर सूचित किया गया है कि वाहन चालकों के वाहनों से संबंधित दस्तावेजों को 30 जून तक वैध माना जाए। इसमें केवल उन्हें वाहनों को छूट दी जाएगी जिनके दस्तावेज पहली फरवरी से जून तक वैध हैं। ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों और कर्मियों से ऐसे वाहनों के चालान नहीं करने के भी निर्देश दिए हैं।
वाहनों की 15 वर्षों की अवधि को पांच वर्षों के लिए फिर से बढ़ाने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिन वाहनों की 15 वर्ष की अवधि खत्म हो गई है उनको फिर से बढ़ाने संबंधी आदेश केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से आने के उपरांत ही फैसला लिया जा सकेगा क्योंकि यह समस्या केवल जम्मू-कश्मीर की ही नहीं है अपितु देशभर की है।
ट्रांसपोर्टरों ने फैसले का स्वागत किया
मिनी बस वर्कर्स यूनियन के चेयरमैन विजय सिंह चिब ने केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा ट्रांसपोट्ररों को वाहनों के दस्तावेजों की वैधता संबंधी राहत दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने बताया कि जम्मू संभाग में 3000 के करीब मिनी बसें हैं। लॉकडाउन के कारण करीब 20 प्रतिशत मिनी बसों के परमिट, चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस वैधता खत्म हो गई थी। इससे ट्रांसपोर्टर काफी परेशान थे क्योंकि पिछले डेढ़ महीनों से यात्री वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा है और ट्रांसपोर्टर वाहनों की वैधता को लेकर काफी चिंतित थे। अब केंद्र सरकार के फरमान से ट्रांसपोर्टरों की जान में जान आई है। उन्होंने केंद्र सरकार से ट्रांसपोर्टरों के लिए राहत पैकेज घोषित करने की भी अपील की है।