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कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर बोले- कश्मीर में लॉकडाउन नहीं, 'जान भी-जहान भी' के विकल्प से होगा कोरोना पर वार

मंडलायुक्त कश्मीर पीके पोले ने कहा कि जितनी जल्द हम सचेत होंगे जागरुक होंगे उतना ही बेहतर होगा। लॉकडाउन एक विकल्प है लेकिन हम अभी यह विकल्प नहीं अपना रहे हैं। हम अन्य विकल्पों पर काम कर रहे हैं क्योंकि हमारा नारा है जान भी-जहान भी।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 06:25 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 06:25 PM (IST)
कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर बोले- कश्मीर में लॉकडाउन नहीं, 'जान भी-जहान भी' के विकल्प से होगा कोरोना पर वार
मंडलायुक्त कश्मीर पीके पोले ने कहा कि जितनी जल्द हम सचेत होंगे, जागरुक होंगे, उतना ही बेहतर होगा।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों से उपजे हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने मंगलवार को जन सहयोेग की अपील करते हुए कहा जनता की लापरवाही सब पर भारी पड़ रही है। मंडलायुक्त कश्मीर पीके पोले ने कहा कि जितनी जल्द हम सचेत होंगे, जागरुक होंगे, उतना ही बेहतर होगा। लॉकडाउन एक विकल्प है, लेकिन हम अभी यह विकल्प नहीं अपना रहे हैं। हम अन्य विकल्पों पर काम कर रहे हैं क्योंकि हमारा नारा है, जान भी-जहान भी।

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आज यहां पत्रकारों से बातचीत में मंडलायुक्त कश्मीर पीके पाेले ने कहा पिछले साल आम लोगों जान बचाने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया गया था। उस समय इस महामारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। हमें नहीं पता था कि कोरोना का वायरस कैसे हमला करता है, उपचार और बचाव के साधन भी सीमित थे। हालात में बदलाव के साथ ही लॉकडाउन को धीरे धीरे समाप्त किया गया था। लॉकडाउन के कारण कश्मीर में पर्यटन और व्यापार पूरी तरह ठप हो गया था। लोगाें को कई दुश्वारियों का सामना करना पड़ा है। खैर,अब कोविड-19 से बचाव में सैनिटाइजर, मास्क के उपयोग जैसी आदतें हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं। उपचार सुविधा भी पहले से बेहतर है। टीकाकरण भी चल रहा है। इसलिए हम अभी लॉकडाउन नहीं लगाने जा रहे हैं। हम स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण यहां कई लोगों का रोजगार छिन गया है। पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। अगर लॉकडाउन को लागू किया जाता है तो उससे पैदा होने वाली स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए जनता से हमारा आग्रह है कि वह इस महामारी के प्रसार पर काबू पाने के लिए संयम और आत्म अनुशासन का परिचय दे। कहीं भी भीड़ नहीं होनी चाहिए। सिर्फ आवश्यक्तानुरुप ही घरों से बाहर निकलें। बाजारों मे दुकानें क्रमानुसार खुलें। सभी लोग मास्क अनिवार्य रुप से पहनें ताकि हालात को बेकाबू होने से बचाया जा सके।

उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का जिक्र करते हुए पीके पाेले ने बताया कि कश्मीर में दूसरी लहर में संक्रमित हुए मरीजों में 7300 ही उपचाराधीन है। बीते एक साल के दौरान कश्मीर में 1300 मौतें कोरोना के कारण हुई हैं। कश्मीर में लगभग 90 हजार कोरोना पाजिटिव मामले सामने आए हैं जिनमें से 80 हजार ठीक हे चुके हैं। हमारे यहां मृत्यु दर मात्र 1.4 प्रतिशत है। 28 लाख लोगों की जांच की गई है। इनमें से 20 लाख की रैपिड एंटीजन के जरिए और शेष की आरटीपीसीआर जांच हुई है। इस समय कश्मीर में 1500 बिस्तर उपलब्ध हैं और मात्र 30 प्रतिशत बिस्तरों पर ही मरीज हैं। वादी में 37 प्रतिशत अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा है। ऑक्सीजन की कमी नहीं है और हम आक्सीजन उत्पादन की क्षमता को लगातार बढ़ा रहे हैं।


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