कश्मीर में वर्ष 2018 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों की सीआईडी वेरीफिकेशन सुनिश्चित करें
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए कई कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया। सेवा के नियमों में संशोधन यही सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि नई नियुक्तियों पर तैनात कर्मचारियों के रिकार्ड जांच लिए जाए।
श्रीनगर, जेएनएन: डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर पांडुरंग पोले ने कश्मीर संभाग के सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए हैं कि मई 2018 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों की सीआइडी वेरीफिकेशन जल्द से जल्द सुनिश्चित करें। उन्होंने संभाग के सभी 10 डिप्टी कमिश्नरों को जम्मू-कश्मीर सरकार के निर्देशों के अनुसार नई नियुक्तियों की सीआइडी वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा है।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने सेवा नियमों में संशोधन किया है, जो यह अनिवार्य करता है कि जो लोग सरकारी सेवाओं में शामिल होते हैं, उनकी वेरीफिकेशन पुलिस की अपराध जांच विभाग (सीआइडी) द्वारा किया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में 'राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों' में शामिल पाए गए कई कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया। सेवा के नियमों में संशोधन यही सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि नई नियुक्तियों पर तैनात कर्मचारियों के रिकार्ड जांच लिए जाएं कि कहीं वे किसी तरह के आपराधिक मामलों में संलिप्त तो नहीं रहे हैं।
नए नियमों के मुताबिक सरकारी नौकरी पाने वाले व्यक्ति के लिए सरकार ने 15 वर्ष की आयु से शैक्षिक विवरण, पिछले पांच वर्षों में उपयोग किए गए मोबाइल नंबर, ससुराल वालों की जानकारी और ऋण का विवरण अनिवार्य कर दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की सीआइडी विंग सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए गए विवरण की वेरीफिकेशन करता है। उसके द्वारा एनओसी दिए जाने के बाद ही वह अपने पद पर ज्वाइन कर सकता है।
ऐसा न करने की स्थिति में उम्मीदवार नियुक्ति के अपने अधिकार को छोड़ देंगे। पहले से प्रकाशित चयन सूचियों में यह पाया गया कि कई कर्मचारियों की अभी तक सीआइडी वेरीफिकेशन पूरी तरह से नहीं हुई है। प्रशासन ने नए नियमों के तहत 21 दिनों की अवधि में यह वेरीफिकेशन कराने के लिए कहा है। यह निर्देश तब लागू हुआ जब सरकार ने 27 सितंबर को जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा (चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन) निर्देश, 1997 में संशोधन किया।