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Jagti Nagrota Jammu: विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन, राहत राशि बढ़ाने की मांग

कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। इन लोगों की मांग थी कि कश्मीरी विस्थापित पंडित परिवार की मासिक राहत राशि 13 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जाए। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब महंगाई बढ़ चुकी है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 07:47 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 07:47 PM (IST)
Jagti Nagrota Jammu: विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन, राहत राशि बढ़ाने की मांग
1990 में कश्मीर से मजबूरी में पलायन कर आज यह कश्मीरी पंडित शारणार्थी कालोनियों में रह रहे हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता। मासिक राहत में बढ़ोतरी की मांग कर विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने जगटी में धरना देकर प्रदर्शन किया और जमकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। कार्यकर्ताओं ने कहा कि 11 माह से विस्थापित कश्मीरी पंडित आंदोलन पर हैं मगर सरकार इसकी परवाह ही नही कर रही। न ही केंद्र सरकार और न ही जम्मू-कश्मीर सरकार को विस्थापित कश्मीरी पंडितों की कोई परवाह है।

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मौके पर कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। इन लोगों की मांग थी कि कश्मीरी विस्थापित पंडित परिवार की मासिक राहत राशि 13 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जाए। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब महंगाई बढ़ चुकी है और ऐसे में विस्थापितों की राहत भी तो बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि कम राशि में यह लोग अपना गुजारा नही कर पा रहे। विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने चेतावनी दी कि अगर जल्दी ही उनकी सुनवाई नही होगी, यह लोग सड़कों पर उतर आएंगे और सरकार के खिलाफ बड़ी मुहिम शुरू करेंगे।

मौके पर संबोधित करते हुए जगटी टेनेमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों को हल्के में ले रही है। हम बार बार कह चुके हैं कि विस्थापित लोगों का आज गुजारा करना मुश्किल हो गया है। 1990 में कश्मीर से मजबूरी में पलायन कर आज यह कश्मीरी पंडित शारणार्थी कालोनियों में रह रहे हैं। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जब तक इन लोगों की घर वापसी नही हो जाती, इनका पूरा ख्याल रखे। ऐसे में यह देखा जाना चाहिए कि क्या एक परिवार का गुजारा 13 हजार रुपये में हो सकता है। आज के दौर में नही हो सकता। ऐसे में राहत राशि बढ़ाई जानी चाहिए थी। लेकिन सरकार हमारी मांगों पर कोई गौर नही कर रही।

राज कुमार टिक्कू ने कहा कि केंद्र सरकार इन विस्थापित कश्मीरी पंडितों का जीवन बेहतर करने की दिशा में काम करे। हर परिवार से एक सदस्य को अगर सरकार सरकारी नौकरी दिला दें तो लोगों की जिंदगी में बदलाव आ जाएगा।


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