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Jammu: मेडिकल बोर्ड कार्यालय में प्रमाणपत्र बनवाने पहुंचे दिव्यांग छात्र की मौत, तीन डॉक्टर निलंबित

सलाहकार फारूक खान द्वारा वायरल हुए वीडियो को देखने के बाद मामले को संज्ञान में लेने के बाद हुई है। फारूक के पास समाज कल्याण विभाग का प्रभार भी है। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव से तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट देने को कहा था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 07:49 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:49 AM (IST)
Jammu: मेडिकल बोर्ड कार्यालय में प्रमाणपत्र बनवाने पहुंचे दिव्यांग छात्र की मौत, तीन डॉक्टर निलंबित
समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव से तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट देने को कहा था।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में सहायक की जरूरत के लिए प्रमाणपत्र बनवाने मेडिकल बोर्ड श्रीनगर के कार्यालय में पहुंचे दिव्यांग छात्र की मौत के मामले को जम्मू कश्मीर सरकार ने सीधे संज्ञान में लिया है। सरकार ने मेडिकल बोर्ड श्रीनगर के तीन सदस्यों (तीनों डॉक्टर) और चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी को तत्काल निलंबित कर दिया है। यह मामला उपराज्यपाल तक पहुंच गया है। दिव्यांग छात्र के परिवार ने जांच की मांग करते हुए एक वीडियो वायरल किया है।यह वीडियो उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान के पास पहुंच गया है।

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श्रीनगर के छन्नपोरा इलाके में रहने वाला दिव्यांग सुहैब दसवीं कक्षा का छात्र था। बताया जाता है कि उसने दो पेपर दे लिए थे। इसी दौरान तबीयत खराब हो गई। प्रश्नपत्र हल करने में खुद को समर्थ न होने की सूरत में उसने जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड से सहायक मांगा था ताकि वह शेष बची परीक्षा में बैठ सके, लेकिन स्कूल शिक्षा बोर्ड से यह कहकर मना कर दिया गया कि वह मांग के संबंध में मेडिकल बोर्ड से प्रमाणपत्र बनवाकर लाए। इसके बाद सुहैब प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अपनी मां और बहन के साथ 17 नवंबर को श्रीनगर स्थित मेडिकल बोर्ड के कार्यालय पहुंचा।

जब वह वहां पहुंचा तब उसकी हालात और भी खराब हो गई थी। उससे चला भी नहीं जा रहा था। इस पर उसकी मां और बहन ने मेडिकल बोर्ड के कार्यालय में अंदर जाकर आग्रह किया कि कार्यालय के बाहर खड़े वाहन में ही दिव्यांग सुहैब के स्वास्थ्य की जांच कर लें, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई। इसी दौरान दिव्यांग को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस पर बोर्ड के डॉक्टर आननफानन में भागकर बाहर आए और आते ही दिव्यांग छात्र को अस्पताल ले जाने के लिए रेफर कर दिया। यहां तक कि छात्र के साथ किसी भी डॉक्टर को भी नहीं भेजा। मां और बहन उसे अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत लाया घोषित कर दिया था।

वीडियो वायरल हुआ: दिव्यांग छात्र की मौत के बाद एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में देखा गया कि श्रीनगर के छन्नपोरा इलाके की लड़की आरोप लगा रही है कि उसके दिव्यांग भाई सुहैब की मिशन हेल्थ सेंटर जवाहर नगर श्रीनगर के दरवाजे के बाहर मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों और स्टाफ सदस्यों की लापरवाही से मौत हो गई है। उसने शिक्षा विभाग से भी यह गुहार लगाई है कि स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाए जो सुहैब की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।

सलाहकार ने इन्हें किया निलंबित: लापरवाही के इस मामले में प्रदेश सरकार ने उप जिला अस्पताल गांदरबल के डॉक्टर नीलोफर, लीपर अस्पताल के मेडिकल आफिसर डॉ. शुजा रशीद और गोसिया अस्पताल श्रीनगर के डॉ. फरहान बशीर समेत नर्सिंग अर्दली गुलाम हसन को निलंबित कर दिया है। कश्मीर के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने एडिशनल कमिश्नर कश्मीर की सिफारिश पर यह कार्रवाई की है। यह कार्रवाई उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान द्वारा वायरल हुए वीडियो को देखने के बाद मामले को संज्ञान में लेने के बाद हुई है। फारूक के पास समाज कल्याण विभाग का प्रभार भी है। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव से तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट देने को कहा था।

उक्त छात्र ने परीक्षा केंद्र शिफ्ट करने के लिए कहा था, जिसे शिफ्ट कर दिया गया। छात्र ने दसवीं कक्षा के दो पेपर दिए और अपने हाथ से ही लिखा था। हमसे पेपर लिखने के लिए सहयोगी की मांग नहीं की गई है। हमने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। -प्रो. वीना पंडिता, चेयरपर्सन, स्कूल शिक्षा बोर्ड जम्मू कश्मीर 


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