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Dhumavati Jayanti 2021: 18 जून को है मां धूमावती जयंती, साधना करने वाला साधक सर्वशक्ति सम्पन्न हो जाता है

नीम की पत्तियों सहित घी का हवन करने से कर्ज से मुक्ति। काली मिर्च से हवन करने से कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय एवं कारागार से मुक्ति मिलती है।जटामांसी और कालीमिर्च से हवन करने पर जन्मकुंडली के सभी अंकारक गोचर एवं मारक दशाओं के ग्रहदोष नष्ट हो जाते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 02:36 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 02:36 PM (IST)
Dhumavati Jayanti 2021: 18 जून को है मां धूमावती जयंती, साधना करने वाला साधक सर्वशक्ति सम्पन्न हो जाता है
मां का सर्वोत्तम भोग मीठी रोटी, घी के द्वारा होम करने से प्राणियों के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता: धर्मग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन मां धूमावती की जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष शुक्रवार को मां धूमावती की जयंती मनाई जाएगी। ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी तिथि 17 जून गुरुवार रात्रि 10 बजे शुरू होगी और 18 जून शुक्रवार रात्री 08 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। सूर्योदय व्यापिनी अष्टमी तिथि 18 जून शुक्रवार को होगी।इसलिए मां धूमावती जी की जयंती 18 जून शुक्रवार को मनाई जाएगी।

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माता पार्वती जी के उग्र रूप को मां धूमावती के नाम से जाना जाता है।भगवान शिव द्वारा प्रकट की गई दस महाविद्याओं में सातवें स्थान पर पुरुषशून्या विधवा, त्रिवर्णा, विरलदंता, चंचला, विधवा, मुक्तकेशी, शूर्पहस्ता, कलहप्रिया, काकध्वजिनी आदि नामों से जानी जाने वाली मां धूमावती का नाम आता है। विधवा, भिक्षाटन, दरिद्रता, भूकंप, सूखा, बाढ़, प्यास रुदन, वैधव्य, पुत्रसंताप, कलह इनकी साक्षात् प्रतिमाएं हैं। कौए पर सवार मां धूमावती श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और इनके केश हमेशा खुले रहते हैं। क्रोधमय ऋषियों की मूल शक्ति धूमावती माता हैं जैसे अंगीरा ऋषि, दुर्वासा जी, श्री परशुराम जी, भृगु ऋषि आदि।

श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शारीरिक शुद्धता के साथ ही मन की पवित्रता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस दिन सुबह स्नान कर पूजा के कमरे या घर में किसी शुद्ध स्थान उत्तर दिशा में एक साफ चौकी पर सफेद रंग का वस्त्र डाल कर श्रीगणेश एवं मां धूमावती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। प्रतिमा या तस्वीर ना हो तो सुपारी भी स्थापित कर सकते हैं। इसके बाद पूरे कमरे में एवं चौकी पर गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें।

मां धूमावती की साधना करने वाला साधक सर्वशक्ति सम्पन्न हो जाता है।माता के मंत्र अपना कार्य करने में सक्षम हैं। मंत्र का सही विधि द्वारा जाप किया जाए तो निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है। मां धूमावती मंत्र के जाप से पूर्व मां धूमावती कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए।देवी मां धूमावती पूजा अर्चना सर्वशक्ति सम्पन्न बनाने वाली सभी शत्रुओं का शमन करने वाली तथा मुकदमों में विजय दिलाने वाली होती है।नीम की पत्तियों सहित घी का हवन करने से कर्ज से मुक्ति। काली मिर्च से हवन करने से कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय एवं कारागार से मुक्ति मिलती है।

जटामांसी और कालीमिर्च से हवन करने पर जन्मकुंडली के सभी अंकारक, गोचर एवं मारक दशाओं के ग्रहदोष नष्ट हो जाते हैं। मां का सर्वोत्तम भोग मीठी रोटी और घी के द्वारा होम करने से प्राणियों के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। 


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