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डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा- जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने का हर मौका तलाश रहे आतंकी

पुलिस अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान कश्मीर के हालात को खराब करने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। सीमा से लेकर भीतर सुरक्षा बल आतंकियों पर लगातार ऑपरेशन चलाए हुए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 10:50 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 10:50 AM (IST)
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा- जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने का हर मौका तलाश रहे आतंकी
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा- जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने का हर मौका तलाश रहे आतंकी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलवामा में हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मुहम्मद का आत्मघाती वाहन से हमला करने की साजिश नाकाम करना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी है। इस घटना से पता चलता है कि आतंकी हालात बिगाड़ने का हर मौका तलाश रहे हैं।

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वीरवार को दिलबाग सिंह ने कहा कि सुबह राजपोरा पुलवामा में जिस साजिश को नाकाम बनाया है वह हालात बिगाड़ने के लिए सरहद पार से बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ की पाक साजिश का हिस्सा हो सकता है। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की कोशिशों में बढ़ोतरी की आशंका जताते हुए उन्होंने कहा कि घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों के सभी प्रमुख कमांडर मारे जा चुके हैं। स्थानीय स्तर पर नए लड़कों की आतंकी संगठनों में भर्ती में कमी आई है। इससे आतंकी संगठनों के सरगना और पाकिस्तानी एजेंसियां हताश हैं। वह जम्मू कश्मीर में आतंकियों की ज्यादा से ज्यादा घुसपैठ कराने का प्रयास कर रहे हैं। डीजीपी ने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में एलओसी पर गुलाम कश्मीर की तरफ से घुसपैठ के प्रयास अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में शुरू होते रहे हैं। आतंकी संगठन और उनके आका बर्फ पिघलने का इंतजार करते हैं। कभी कभार ही सर्दियों में आतंकी घुसपैठ का प्रयास करते हैं।

मार्च में घुसपैठ की कोशिशें शुरू हो गई थी। केरन में 30-31 मार्च को पांच आतंकियों ने घुसपैठ की थी जो अप्रैल की शुरुआत में ही मारे गए। सरहद पर तैनात सभी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। वादी के भीतरी इलाकों में सुरक्षाबलों के आतंकरोधी अभियान हालात के पूरी तरह सामान्य होने तक जारी रहेंगे। प्रदेश में हालात पहले से बहुत ज्यादा बेहतर हैं।

विस्फोटकों से लदी कार में ट्रिगर नहीं था: विस्फोटकों से लदी कार में सिर्फ एक ही चीज शेष रह गई थी। इसमें वह ट्रिगर अथवा स्विच नहीं था जो विस्फोट के लिए दबाया जाता है। सूत्रों की मानें तो यह स्विच कार में आत्मघाती आतंकी के सवार होने के समय लगाया जाना था। इसलिए इस बात की संभावना है कि आदिल कार को किसी अन्य जगह पर पहुंचाने जा रहा था जहां आत्मघाती हमलावर को बैठाने के साथ ही कार में ट्रिगर फिट कर लक्ष्य पर हमला करना था।

पुलवामा और शोपियां में दो वाहन बम और होंगेः सूत्रों ने बताया कि इस समय पुलवामा और शोपियां जिले में कम से कम दो और वाहन बम मौजूद हैं। वाहन बमों को जैश, लश्कर और हिज्ब ने मिलकर तैयार किया है। कुछ माह पहले विभिन्न स्तरों से सूचनाएं मिली थी कि तीन वाहन बम तैयार किए जा रहे हैं। आज राजपोरा में सैंट्रो कार के मिलने और मामले में जैश की भूमिका की पुष्टि होने के आधार पर कहा जा सकता है कि खतरा टला नहीं है। दो वाहन बम तैयार हैं या तैयार किए जा रहे होंगे, उन्हें बरामद करने के लिए अभियान चलाया गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान कश्मीर के हालात को खराब करने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। सीमा से लेकर भीतर सुरक्षा बल आतंकियों पर लगातार ऑपरेशन चलाए हुए हैं।

पुलवामा जैसे हमला होना थाः पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजपोरा में कार बम लगभग उसी तरह से तैयार किया था जैसे बीते साल लित्तर पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में इस्तेमाल कार को तैयार किया गया था। टले हमले का मकसद भी हाइवे पर सुरक्षाबलों के काफिले या फिर किसी अन्य सुरक्षा प्रतिष्ठान को उड़ाना था।

एजेंसियों पर फिर उठे सवालः पुलवामा में कारबम की बरामद करउसे नष्ट करने के बाद बेशक सुरक्षा एजेंसियां एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम बनाने का दावा कर रही है। अलबत्ता, इस घटना ने एक बार फिर आतंकियों की पहुंच और सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कई सवाल पैदा कर दिए हैं। आतंकियों ने विस्फोटक कहां और कैसे जुटाए।

सुरक्षित तरीके से किया गया विस्फोट : आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि बम निरोधक दस्ते ने कार की पूरी तरह जांच की। कार की स्थिति को देखते हुए उसे ज्यादा दूर तक ले जाना संभव नहीं था। उसे किसी तरह निकट दरिया के किनारे पेड़ों के बीच पहुंचाया गया। आस-पास स्थित मकानों से लोगों को भी सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया । जिस जगह धमाका किया गया] वहां आम नागरिकों की आवाजाही को बंद रखा गया। सुरक्षाबलों को भी एक सुरक्षित दूरी तक ही आने की इजाजत दी गई और बम निरोधक दस्ते के विशेषज्ञों ने इस कार को एक सुरक्षित धमाके से उड़ाया। कार को नष्ट करने की प्रक्रिया सुबह छह बजे शुरु हुई और लगभग डेढ़ घंटे तक चली। कार बम तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाला जैश का आइईईडी विशेषज्ञ आतंकी वलीद कुलगाम में कहीं छिपा हुआ है। डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक, कार में विस्फोटक कुछ दिन पहले ही फिट किए थे। इसे तैयार करने में वलीद का हाथ साफ नजर आता है।

धमाके में इस्तेमाल की जाने वाली कार का नंबर कठुआ जिले काः पुलवामा हमले की तरह विस्फोटक लगाकर आत्मघाती हमले करने की साजिश में जिस कार का इस्तेमाल किया, वह नंबर कठुआ जिले का निकला। असल में यह नंबर एक मोटरसाइकिल का है जो नौनाथ गांव में है। कश्मीर में जिस कार का इस्तेमाल विस्फोट करने में किया जाना था उसका नंबर जेके08बी- 1426 है। जब कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने जांच की तो वह नंबर कठुआ में एक बाइक का निकला। यह बाइक सांबा के नौनाथ में सीमा सुरक्षा बल में तैनात एक जवान की है। वह भी कश्मीर में ही तैनात है। हीरानगर पुलिस ने नौनाथ पहुंच मोटरसाइकिल को कब्जे में ले लिया है। कश्मीर में उस कार को किस तरह से कठुआ जिले का नंबर लगाया गया, सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। परिवार के अनुसार साजिश के तहत नंबर का इस्तेमाल किया गया।


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