Move to Jagran APP

लद्दाख में लटके विकास को मिलने लगी रफ्तार, 15 हजार श्रमिकों को प्रोजेक्टों पर काम करने के लिए बुलाया

लद्दाख में चीन और पाकिस्तान से सटे सीमांत इलाकों में लॉकडाउन के कारण रुके विकास कार्य रफ्तार पकड़ने लगे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 08:47 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 08:47 AM (IST)
लद्दाख में लटके विकास को मिलने लगी रफ्तार, 15 हजार श्रमिकों को प्रोजेक्टों पर काम करने के लिए बुलाया
लद्दाख में लटके विकास को मिलने लगी रफ्तार, 15 हजार श्रमिकों को प्रोजेक्टों पर काम करने के लिए बुलाया

जम्मू, विवेक सिंह। लद्दाख में चीन और पाकिस्तान से सटे सीमांत इलाकों में लॉकडाउन के कारण रुके विकास कार्य रफ्तार पकड़ने लगे हैं। देश की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने का जिम्मा संभालने वाले सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सर्दियों में रुके विकास कार्यों को गति देने की मुहिम छेड़ दी है।

loksabha election banner

जोजिला पास पर जमी हजारों टन बर्फ हटाकर अप्रैल में लद्दाख को शेष देश से जोड़ने वाले सीमा सड़क संगठन ने लद्दाख की सड़कों को बेहतर व सुरक्षित बनाने का लक्ष्य रखा है। लद्दाख में उपलब्ध स्थानीय श्रमिकों के साथ विकास कार्य शुरू कर अन्य प्रदेशों से श्रमिक लाने की तैयारी हो गई है। आमतौर पर जोजिला पास अप्रैल में यातायात के लिए खुल जाता है जिससे लद्दाख में विकास जोर पकड़ लेता है। कोरोना के कारण लद्दाख में विकास परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।

यहां कार्य शुरू :

बीआरओे ने कारगिल-लेह सड़क की बेहतरी, खलसी-बटालिक सड़क को चौड़ा करने, नीमू-पदमदारचा सड़क को हिमाचल से जोड़ने, बर्फबारी से क्षतिग्रस्त सड़कें ठीक करने के साथ सड़क दुर्घटनाओं के हिसाब से संवेदनशील जगहों पर निर्माण कार्य शुरू कर दिए दिए हैं।

सीमा सड़क का मुख्य लक्ष्य लद्दाख की सड़कों पर दौड़ने सेना की वाहनों के दौड़ने की गति को 30 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा करना है। बर्फबारी से सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इस समय सीमा सड़क संगठन लॉकडाउन में बेरोजगार हो गए श्रमिकों को रोजगार देकर लद्दाख जाने के लिए तैयारी कर रही है। बीआरओ ने 15 हजार श्रमिकों को अपने विकास प्रोजेक्टों पर काम करने के लिए बुलाया है। इनमें से 11 हजार श्रमिकों की जरूरत लद्दाख व कश्मीर के उपरी इलाकों में हैं। लेह व हुंदर में 3000 श्रमिक चाहिए। इच्छुक श्रमिकों ने प्रोजेक्ट के अधिकारियों से फोन पर संपर्क करना शुरू कर दिया।

श्रमिकों के फोन आने शुरू :

प्रोजेक्ट हिमांक के अधीक्षक अभियंता मनोज जैन ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से श्रमिकों के प्रोजेक्टों पर आने के लिए फोन आने लगे हैं। उनकी कोशिश है कि श्रमिक समूह बनाकर आने की जानकारी दें। बसों के लिए लद्दाख प्रशासन से अनुबंध किया है।। हमें लेह व हुंदर में ही सात हजार श्रमिकों की जरूरत होती है, इसमें से सिर्फ दो हजार स्थानीय मजदूर हैं, जिनके सहारे काम चल रहे हैं। अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए बाहर से आने वाले श्रमिकों पर निर्भर होना पड़ता है।

1960 में हुआ था बीआरओ का गठन :

बीआरओ का गठन 1960 में हुआ। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में सीमा सड़क संगठन का प्रोजेक्ट संपर्क वर्ष 1975 में शुरू हुआ। सेना की जरूरतों को पूरा कर रही बीआरओ ने अब तक 53600 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है। देश में इस समय बीआरओ के 18 प्रोजेक्ट निर्माण की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं। 45 वर्षो में बीआरओ की बदौलत सेना की क्षमता में भी कई गुना वृद्धि हुई है। सीमा सड़क संगठन ने पिछले वित्त वर्ष में प्रदेश में 1200 पुल बनाने का लक्ष्य हासिल किया। यह देश में हुए पुल निर्माण का 40 फीसद था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.