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Jammu Kashmir : हताश पाकिस्तान ने फिर रची कश्मीर में हिंसा की साजिश

सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के बाद से आतंकी संगठन वादी में किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए है उससे आइएसआइ पूरी तरह हताश है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 10:50 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 10:50 AM (IST)
Jammu Kashmir : हताश पाकिस्तान ने फिर रची कश्मीर में हिंसा की साजिश
Jammu Kashmir : हताश पाकिस्तान ने फिर रची कश्मीर में हिंसा की साजिश

जम्मू, राज्य ब्यूरो  : कश्मीर में सामान्य होते हालात पाकिस्तान को रास नहीं आ रहे और वह घाटी में हिंसा भड़काने के लिए साजिशें रच रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने गुलाम कश्मीर और अपने विभिन्न शहरों में बैठे कश्मीरी आतंकी कमांडरों को वादी में अपने कैडर के जरिए आतंकी गतिविधियों में तेजी लाने का हुक्म सुनाते हुए उनके भत्तों पर रोक लगाने की धमकी दी है। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर भारतीय चौकियों पर कमांडो कार्रवाई के लिए बार्डर एक्शन टीम (बैट) में कश्मीरी आतंकियों को भी शामिल होने का फरमान सुनाया है। आइएसआइ के इसी निर्देश के बाद से आतंकी कमांडरों ने कश्मीर के धमकी भरे पोस्टर जारी करवाने के साथ दुकानों को आग लगवाकर सामान्य जनजीवन को पटरी पर उतारने की साजिश फिर शुरू दी है।

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सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के बाद से आतंकी संगठन वादी में किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए है, उससे आइएसआइ पूरी तरह हताश है। आइएसआइ ने कश्मीर में हालात बिगाडऩे के लिए पंजाब, राजस्थान और नेपाल बार्डर के जरिए भी आतंकियों और हथियारों को भेजने का प्रयास किया, लेकिन नाकाम रही। इससे हताश होकर उसने अब गुलाम कश्मीर में बैठे कश्मीरी आतंकी कमांडरों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

बीस दिनों में दो बार हुई बैठक :

सूत्रों ने बताया कि आइएसआइ और पाकिस्तानी सेना के कश्मीर सेल के करीब छह अधिकारियों ने बीते 20 दिनों में गुलाम कश्मीर में दो बार विभिन्न आतंकी संगठनों के कमांडरों के साथ बैठक की है। इन बैठकों में अल-उमर मुजाहिदीन के कमांडर मुश्ताक जरगर के अलावा हसन बन्ना और जमायतुल मुजाहिदीन के जमील उर रहमान के अलावा हिज्ब के शेरखान, एजाज व आमिर ने हिस्सा लिया है। उन्होंने बताया कि हिज्ब के सरगना सलाहुद्दीन के साथ आइएसआइ के अधिकारियों की बैठक रावलपिंडी में भी हुई है। इसी बैठक के बाद सलाहुद्दीन ने जंगल-मंगल कैंप स्थित हिज्ब के ट्रेनिंग कैंप में दो दिन बिताए हैं।

इसके अलावा सलाहुद्दीन ने गुलाम कश्मीर में कश्मीरी रिफ्यूजियों के कैंपों का भी दौरा किया है। अपने दौरों के दौरान सलाहुद्दीन ने कश्मीरी आतंकियों को संबोधित करते हुए उन्हें कश्मीर घाटी में दाखिल होकर जिहादी गतिविधियों में तेजी लाने के लिए तैयार रहने को कहा है। आइएसआइ और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों द्वारा आतंकी कमांडरों संग की गई बैठक में लश्कर के अश्फाक बरवाल, यूसुफ कारी और खालिद कश्मीरी के अलावा जैश-ए-मोहम्मद के रहमान खान ने भी हिस्सा लिया है।

कश्मीर में बंद का माहौल बनाने के निर्देश :

खुफिया सूत्रों की मानें तो आतंकी कमांडरों के साथ बैठक में आइएसआइ के अधिकारियों ने उन्हें साफ शब्दों में कहा कि अगर मौजूदा परिस्थितियों में वह कश्मीर में जिहादी गतिविधियां तेज नहीं कर सकते तो उनके सभी वेतन भत्ते और सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी। उन्होंने सिर्फ कागजों तक सिमट चुके मुस्लिम जांबाज फोर्स, अल जिहाद जैसे आतंकी संगठनों के कमांडरों को भी अपना बचे खुच कैडर को सक्रिय करने के लिए कहा है। अल-उमर मुजाहिदीन के मुश्ताक लटरम को निर्देश दिया गया है कि वह घाटी में विशेषकर श्रीनगर में अपने संबंधों के जरिए जैश को अपनी गतिविधियों चलाने में पूरा सहयोग करे।

आतंकी कमांडरों के साथ बैठकों में आइएसआइ और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने एलओसी पर भारतीय सैन्य ठिकानों पर कमांडो कार्रवाई के लिए बैट दस्तों में कश्मीरी आतंकी कमांडरों को अपने कैडर को भी भर्ती कराने के लिए कहा है। पहले इन बैट दस्तों में अल-बदर, लश्कर और जैश के ही चुनिंदा आतंकी पाकिस्तानी सेना के कमांडों संग मिलकर भारतीय सेना के खिलाफ कार्रवाइयों में हिस्सा लेते रहे हैं। आइएसआइ के अधिकारियों ने बैठक में मौजूद आतंकी कमांडरों से कहा कि वह कश्मीर में सक्रिय अपने कैडर को अपनी गतिवपिधियों में तेजी लाते हुए किसी भी तरह से बंद का माहौल बनाएं।

पंचायत प्रतिनिधियों को निशाना बनाने की साजिश :

गुलाम कश्मीर में हुई इस बैठक में आतंकी सरगनाओं ने जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में तेजी लाने और किसी भी राजनीतिक प्रक्रिया को रोकने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा कुछ अन्य लोगों को निशाना बनाने की साजिश को रचा है। बैठक में आइएसआइ ने आतंकी सरगनाओं को निर्देश दिया है कि वह आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पुलिस अधिकारियों, कर्मियों की सूची भी बनाएं और उनके खिलाफ कार्रवाई करें।


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