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Dense fog in Srinagar: श्रीनगर में छाया घना कोहरा वर्ष 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ की है देन

कश्मीर स्थित इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आइएमडी) के मुताबिक 2014 की बाढ़ के बाद से उसी वर्ष कश्मीर में लगातार नौ दिन तक घनी धुंध रही थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 01:22 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 04:15 PM (IST)
Dense fog in Srinagar: श्रीनगर में छाया घना कोहरा वर्ष 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ की है देन
Dense fog in Srinagar: श्रीनगर में छाया घना कोहरा वर्ष 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ की है देन

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में बीत नौ दिन से धुंध का प्रकोप बना हुआ है। इससे सामान्य जनजीवन लगातार प्रभावित चल रहा है। विजिबिलिटी न होने के कारण कश्मीर शेष दुनिया से हवाई संपर्क से भी पिछले सात दिनों से कट चुका है। बेशक कइयों के लिए कश्मीर में यह धुंध अचंभा बनी होगी, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह नई बात नहीं है। क्योंकि वर्ष 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद वादी में सर्दियों में धुंध छाए रहने की अवधि में लगाता बढ़ोत्तरी ही हो रही है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, इसका कारण वातावरण में मौजूद अवसादी कण हैं, जो धुंध के लिए अनुकूल साबित हो रहे हैं।

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कश्मीर विश्वविद्यालय में अर्थ साइंस के विभागाध्यक्ष शकील रोमशू कहते हैं कि एक सामान्य प्रक्रिया में ऊंचाई के साथ तापमान घटता है, लेकिन टेंप्रेचर इनवर्शन में ऊंचाई के साथ तापमान बढ़ता है या फिर नीचले इलाकों में तापमान घटता है। इस प्रक्रिया में जल का वाष्पीकरण होता है और वातावरण में पहले से मौजूद धूल व अन्य कण जल वाष्प में फंस कर धुंध का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 की बाढ़ के बाद से ही कश्मीर घाटी के वातावरण में अवसादी पदार्थ जिन्हें आप तलछटी या फिर अंग्रेजी में सेंडीमेंटरी मैटर करते हैं, बढ़ा है, इससे भी वातावरण में धुंध फैलती है। वादी के वायुमंडल में बीते पांच दिन के दौरान हवा में कणों अथवा पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा सामान्य से कहीं ज्यादा है। इससे भी धुंध फैली है।

श्रीनगर-बड़गाम में धुंध के अनुकूल है वातावरण

श्रीनगर स्थित मौसम विभाग केंद्र के निदेशक सोनम लोटस ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद 2017 में श्रीनगर में सात दिन धुंध रही थी। वादी के नीचले इलाकों विशेषकर श्रीनगर और बडगाम में धुंध की परिस्थतियां हैं। यहां हवाएं शांत हैं और न्यूनतम तापमान लगातार दो डिग्री सेल्सियस से नीचे चल रहा है। यहां टेंप्रेचर इनवर्शन भी है। वर्ष 2014 के बाद इसी साल मौजूदा दिसंबर माह के दौरान सबसे ज्यादा दिन धुंध पड़ रही है, जो पहले की तुलना में अधिक घनी भी है।

2009 से 2013 तक नहीं था धुंध का असर : आइएमडी

कश्मीर स्थित इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आइएमडी) के मुताबिक, 2014 की बाढ़ के बाद से उसी वर्ष कश्मीर में लगातार नौ दिन तक घनी धुंध रही थी। वर्ष 2008 के बाद पहली बार कश्मीर में सबसे लंबे वक्त तक वातावरण में धुंध थी। 2008 में दिसंबर में लगातार चार दिन तक श्रीनगर व उससे सटे इलाकों में घनी धुंध छाई थी। हालांकि वर्ष 2006-07 में भी कई बार धुंध पड़ी, लेकिन वह एक दिन से ज्यादा वक्त नहीं रही। वर्ष 2009 से 2013 तक दिसंबर माह के दौरान वादी में कोई ऐसा दिन रिकॉर्ड नहीं हुआ, जिस वक्त पूरा दिन यूं घनी धुंध छाई रही हो।


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