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जम्मू-कश्मीर में डेंगू का कहर जारी, सात और मामले आने के बाद अब मरीजों की संख्या बढ़कर 441 हुई

श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में भी 54 बिस्तरों की क्षमता वाले नए वार्ड को मरीजों के लिए खोला गया है। स्टेट मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वीरवार को आए सात मामलों में छह सांबा जिले और एक राजौरी जिले का रहने वाला है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 06:10 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 06:13 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में डेंगू का कहर जारी, सात और मामले आने के बाद अब मरीजों की संख्या बढ़कर 441 हुई
श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में डेंगू पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए वार्ड खोला गया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कोरोना केबकम हो रहे मामलों के बीच डेंगू की चुनौती बढ़ रही है। डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वीरवार को सात और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। इसे मिलाकर अब तक 441 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। वहीं लगातार बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार हो रहा है।

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श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में भी 54 बिस्तरों की क्षमता वाले नए वार्ड को मरीजों के लिए खोला गया है। स्टेट मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वीरवार को आए सात मामलों में छह सांबा जिले और एक राजौरी जिले का रहने वाला है। कुल 441 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 271 जम्मू जिले और 84 कठुआ जिले के हैं। जम्मू जिले में अधिकांश मरीज पुराने शहर से आए हैं। बच्चे भी बढ़ी संख्या में डेंगू से पीड़ित हो रहे हैं। लगातार बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए वीरवार को श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में डेंगू पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए 54 बिस्तरों की क्षमता वाले वार्ड को खोला गया।

प्रिंसिपल जीएमसी जम्मू डा.शशि सूदन ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका किे चलते हमने एक वार्ड बनाया था। इसी वार्ड को अब डेंगू के मरीजों के लिए खोल दिया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में 197 बच्चे अभी तक डेंगू के लक्षण लेकर जांच के लिए पहुंचे। इनमें से 62 में डेंगू की पुष्टि हुई। 25 को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई। लेकिन अन्य सभी अभी अस्पताल में ही हैं।

उन्होंने कहा कि सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। वहीं एसएमजीएस अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. दारा सिंह ने कहा कि बच्चों के मामले आने के बाद उन्हें भर्ती करने के लिए समस्या आ रही थी लेकिन अब यह वार्ड खुलने से समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि पहले डेंगू की जांच के लिए अस्पताल में किट नहीं थी लेकिन अब रैपिड टेस्ट हो रहे हैं और आधे घंटे में ही जांच रिपोर्ट आ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट के लिए भी कहा गया है ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। 


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