Move to Jagran APP

Delimitation : परिसीमन का प्रारूप तैयार, जम्मू संभाग की सात और सीटें बढ़ेंगी

जम्मू कश्मीरा में विभिन्न राजनीतिकि दलों ने भी अपनी सियासी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कुलगाम में अप्रैल-मई में चुनाव कराने पर जोर दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें कर रही है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 08:23 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 10:33 AM (IST)
Delimitation : परिसीमन का प्रारूप तैयार, जम्मू संभाग की सात और सीटें बढ़ेंगी
परिसीमन की जारी प्रक्रिया के तहत जम्मू संभाग में छह से सात और कश्मीर में एक से दो सीटें बढ़ेंगी।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में परिसीमन के लिए गठित आयोग का कार्यकाल अंतिम चरण में होने के कारण सियासी गतिविधियां भी तेज हो रही हैं। रिपोर्ट का प्रारूप तैयार कर लिया है। उम्मीद है कि आयोग फरवरी 2022 के अंत तक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप देगा। उसके अगले दो माह में संभवत: मई-जून में विधानसभा के गठन के लिए चुनावी प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। जम्मू की छह से सात बढ़ने की उम्मीद है।

loksabha election banner

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जम्मू कश्मीर में विधानसभा की व्यवस्था है। विधानसभा के गठन से पूर्व परिसीमन प्रक्रिया संपन्न की जानी है, इसके लिए केंद्र सरकार ने सर्वाेच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया है। आयोग का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त हो जाएगा। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट का प्रारूप तैयार कर लिया है। इसे जल्द वह जम्मू कश्मीर के पांचों सांसदों डा. फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और मोहम्मद अकबर लोन के अलावा जुगल किशोर शर्मा व डा. जितेंद्र सिंह के साथ साझा करेगी। प्रारूप पर पांचों के सुझाव लेने के बाद वे इसे अंतिम रूप देगा और फिर केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। यह प्रक्रिया मार्च 2022 तक पूरी कर ली जाएगी। चुनाव कब और कितने चरण में होंगे, यह तय करना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को गर्मियों में चुनावी प्रक्रिया के लिए तैयार रहने कहा है।

24 सीट गुलाम कश्मीर के कोटे की भी

पांच अगस्त 2019 से पूर्व एकीकृत जम्मू कश्मीर जिसमें लद्दाख भी शामिल है, 87 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होता था। 24 सीटें गुलाम कश्मीर के लिए आरक्षित रहती थी। उन पर कोई चुनाव नहीं होता था। पुनर्गठन अधिनियम के बाद लद्दाख के एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने से जम्मू कश्मीर में 107 विधानसभा सीटें रह गई हैं। इनमें 24 गुलाम कश्मीर के कोटे की हैं। शेष 83 विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन कर विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 90 की जानी हैं। सूत्रों की मानें तो परिसीमन की जारी प्रक्रिया के तहत जम्मू संभाग में छह से सात और कश्मीर में एक से दो सीटें बढ़ेंगी। पुरानी व्यवस्था के मुताबिक जम्मू में 36 और कश्मीर प्रांत में 47 सीटें हैं।

सभी राजनीतिक दल अभी से हरकत में आए

जम्मू कश्मीरा में विभिन्न राजनीतिकि दलों ने भी अपनी सियासी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कुलगाम में अप्रैल-मई में चुनाव कराने पर जोर दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती एक माह के दौरान जम्मू के विभिन्न इलाकों का दो बार दौरा कर चुकी हैं।

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला बीते सप्ताह भी जम्मू में थे और उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार से जम्मू संभाग के डोडा, रामबन,किश्तवाड़ में जनसंपर्क अभियान चला रखा है। प्रदेश भाजपाध्यक्ष र्रंवद्र रैना इन दिनों कश्मीर में सभाएं कर रहे हैं। सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कांफ्रेंस और पीडीपी से अलग होकर राजनीतिक दल जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी बनाने वाले अल्ताफ बुखारी भी सक्रिय हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.