Jammu : पिता की बरसी मनाकर वापस डयूटी पर लौटा था दीपक, रविवार को गया था कश्मीर
दीपक के भाई का कहना था कि कश्मीर में जिस तरह से चुन चुनकर अल्पसंख्यकों को आतंकी निशाना बना रहे हैं उससे नहीं लगता कि वहां कोई कश्मीरी पंडित वापस जाना चाहेगा। उनका कहना था कि कश्मीर स्वर्ग नहीं बल्कि पूरी तरह से नरक बन चुका है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : स्कूल के अंदर ही आतंकियों का निशाना बना शिक्षक दीपक चंद जम्मू के पटौली मोड़ का रहने वाला था और वह अपने पिता लाल चंद की बरसी मनाकर रविवार को ही वापस कश्मीर गया था। दीपक के साथ उसकी पत्नी व तीन वर्षीय बच्ची भी इंदिरा नगर में किराए के मकान में रहते थे लेकिन इस बार वह अपनी पत्नी व बेटी को जम्मू में ही छोड़कर वापस कश्मीर गया था।
दीपक की मौत का समाचार जैसे ही उसके घर पहुंचा तो वहां कोहराम मच गया। घर में उस समय दीपक की मां व भाई मौजूद थे और उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि दीपक का अब उनके बीच नहीं है। दीपक के भाई ने बताया कि उसकी नौकरी वर्ष 2019 में लगी थी और तब से वह वहीं पर कार्यरत था। पिता की बरसी के लिए दीपक घर आया था। मंगलवार को उसकी दीपक के साथ फोन पर बात हुई थी। मंगलवार को कश्मीर में मक्खन लाल बिंदरू व एक अन्य गोल गप्पे वाली की हत्या के बाद से वह घबराया था।
वहीं दीपक के भाई का कहना था कि कश्मीर में जिस तरह से चुन चुनकर अल्पसंख्यकों को आतंकी निशाना बना रहे हैं, उससे नहीं लगता कि वहां कोई कश्मीरी पंडित वापस जाना चाहेगा। उनका कहना था कि कश्मीर स्वर्ग नहीं बल्कि पूरी तरह से नरक बन चुका है। वहीं दीपक की मां भी अपने बेटे की मौत के बाद रो रोकर बुरा हाल था। उनका कहना था कि उन्हें उनका बेटा वापस लौटा दो। हमें नहीं चाहिए सरकारी नौकरी। सरकार हमारे बच्चों को नौकरी का लालच देकर कश्मीर तो भेज रही है लेकिन वहां उनकी सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं है। उनका कहना था कि उनका जब इस बार कश्मीर जा रहा था तो वह कुछ घबराया हुआ था। मैंने उससे पूछा भी लेकिन उसने कोई जबाव नहीं दिया।