Jammu Kashmir: कश्मीरी पंडितों की अचल संपत्ति को अतिक्रमण मुक्त करवाने का फैसला सराहनीय
तरुण उपल्ल ने कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को सुधारने की दिशा में वर्तमान सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। वहीं उम्मीद की कि कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों को अतिक्रमणकारियों को अवैध कब्जे से छुड़वा लिया जाएगा व प्रभावित शरणाथियों को उचित रूप से मुआवजा दिया जाएगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता। आतंकवाद के कारण घाटी से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों की अचल संपत्ति को अतिक्रमण मुक्त करने व संरक्षित करने के लिए आनलाइन आवेदन का प्रक्रिया का निर्भय भारत फाउंडेशन ने स्वागत किया है।
निर्भय भारत फाउंडेशन के चेयरपर्सन तरुण उपल्ल ने कहा कि सरकार ने अच्छा कदम उठाया है और इससे कश्मीरी पंडितों को लाभ होगा। यह लोग जोकि लंबे अर्से से पलायन का दंश झेल रहे हैं, की कश्मीर स्थित संपत्ति हर हाल में सुरक्षित की जानी चाहिए। एक समय कश्मीर में सभी समुदाय के लोग रह रहे थे। लेकिन ऐसा माहौल बना कि कश्मीरी पंडितों को घाटी से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। कुछ विरोधी तत्वों को भाईचारा पसंद नहीं आया और ऐसे में हिंदू लोगों को घाटी छोड़नी ही पड़ी। लेकिन वहां छूटी जमीन जायदाद को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी सरकार की है। इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि संपत्ति संरक्षण का कानून है लेकिन उसके बाद भी उनकी संपत्तियों को उपद्रवियों द्वारा नष्ट किया गया। पिछले समय में रही सरकारें इस दिशा में विफल ही रही। ऐसे में इन शासनों को उनके दायित्व से मुक्त नहीं किया जा सकता है।
तरुण उपल्ल ने कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को सुधारने की दिशा में वर्तमान सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। वहीं उम्मीद की कि कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों को अतिक्रमणकारियों को अवैध कब्जे से छुड़वा लिया जाएगा व प्रभावित शरणाथियों को उचित रूप से मुआवजा दिया जाएगा।