Protocol Amendment : नया प्रोटोकाल जारी, डीडीसी चेयरमैन को मिला मंत्री का दर्जा, प्रोटोकाल में सांसद-विधायक से हुए ऊपर
जिला विकास परिषद (डीडीसी) अध्यक्षों को आखिकार मंत्री का दर्जा मिल गया है। सरकार ने उन्हें मेयर के बराबर वरीयता देना स्वीकार कर लिया है। अब डीडीसी के अध्यक्ष अपने अधिकार क्षेत्रों में प्रोटोकोल में सांसद विधायक से ऊपर होंगे। सरकार ने मंगलवार को पूर्ववर्ती नियमों में संशोधन किया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर सरकार में जिला विकास परिषद (डीडीसी) अध्यक्षों को आखिकार मंत्री का दर्जा मिल गया है। सरकार ने उन्हें मेयर के बराबर वरीयता देना स्वीकार कर लिया है। अब डीडीसी के अध्यक्ष अपने अधिकार क्षेत्रों में प्रोटोकोल में सांसद, विधायक से ऊपर होंगे। सरकार ने मंगलवार को पूर्ववर्ती नियमों में संशोधन किया। संशोधन के मुताबिक डीडीसी के डिप्टी चेयरमैन को अब वरियता सूची में प्रशासनिक सचिवों व पुलिस महानिरीक्षकों के बराबर रखा गया है। उनके प्रोटोकाल में भी वृद्धि की गई है, लेकिन उन्हें विधायक के बराबर का दर्जा नहीं मिला है। डीडीसी उपाध्यक्ष विधायक के बराबर का दर्जा मांग रहे थे।
जम्मू कश्मीर में गत वर्ष पहली बार डीडीसी का चुनाव हुआ था। प्रदेश के सभी 20 जिलों में डीडीसी के निर्वाचित सदस्यों ने चेयरमैन चुने थे। डीडीसी चेयरमैन को मंत्री का दर्जा न मिलने पर वे सड़कों पर आ गए थे। इससे ग्रामीण इलाकों में विकास को तेजी देने में भी बाधाएं आ रही थी। ऐसे में अब पुराने फैसले को पलटते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने नया वारंट ऑफ प्रेसिडेंस (पूर्वता अधिपत्र) जारी किया है। इसमें डीडीसी अध्यक्षों को 19ए क्रमांक पर रखा गया है वहीं सांसद 21 व विधायक 23 नंबर पर हैं।
गत माह जारी वारंट ऑफ प्रेसिडेंस में डीडीसी चेयरमैन क्रमांक 26 थे। वे प्रशासनिक सचिवों, आईजीपी, संभागीय आयुक्तों, भारत सरकार के संयुक्त सचिवों और समकक्ष रैंक के अधिकारियों के बराबर थे। वहीं पहले डीडीसी के डिप्टी चेयरमैन को क्रमांक 27 पर रखा गया था। अब उन्हें क्रमांक 26 पर रखा गया है। सदस्यों को जिला मजिस्ट्रेट के बराबर प्रोटोकाल दिया गया है। उन्होंने वरियता सूची में 28वें नंबर पर ब्रिगेडियर, विभागाध्यक्षों, जिला, सत्र न्यायाधीश, ब्लाक डेवेलपमेंट काउंसिल के अध्यक्षों, नगर परिषदों के अध्यक्षों के बराबर रखा गया है।
सरकार का नया वारंट ऑफ प्रेसिडेंस (पूर्वता अधिपत्र) मंगलवार को आयुक्त सचिव तलत परवेज रोहिल्ला की ओर से जारी किया गया। उल्लेखनीय है कि केंद्र शाासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में दिसंबर 2020 में ही जिला विकास परिषदाें का गठन हुआ है। जिला विकास परिषद के चेयरमैन व सदस्याें के प्रोटोकाल को लेकर असमंजस था। इसी कारण बीते माह जम्मू जिला विकास परिषद की एक बैठक को लेकर विवाद भी पैदा हो गया था और वह बैठक स्थगित हो गई थी।