Militant Attack In Kashmir : बिंदरू की बेटी की ललकार, कायर आतंकवादियों दम है तो सामने आओ
Militant Attacks in Kashmir मेरे पिता ने कश्मीर को नहीं छोड़ा जब बाकी पलायन कर गए थे। वह और उनका भाई अपने स्कूल कालेजों में अकेले हिंदू थे जो बेबाकी से पढ़ाई करने के लिए जाया करते थे। हमें गर्व है कि मेरे पिता ने हमें अच्छी शिक्षा दी।
जम्मू, जेएनएन: कश्मीर में आतंकियों द्वारा मारे गए कश्मीरी पंडित दवाई विक्रेता मक्खन लाल बिंदरु की बेटी श्रद्धा ने घाटी में बेगुनाहों का खून बहा रहे कायर आतंकवादियों और पथराव करने वालों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि "मैं अपने पिता की कश्मीरी हिंदू बेटी हूं। आओ और मेरा सामना करो अगर तुममें हिम्मत है।”
उन्होंने यह भी कहा कि मेरे पिता एक फाइटर थे। वह हमेशा कहा करते थे कि जब उनकी मौत होगी, उनके पांव में जूते होंगे। वह हिंदू हैं परंतु कुरान भी पढ़ती हैं उसमें लिखा है कि केवल शरीर मरता है आत्मा अमर है। वह शरी को चोले की तरह बदलती है। आतंकवादियों ने जिस बिंदरु को मारा वह केवल शरीर था, उनकी पवित्र आत्मा आज भी उनके साथ है। मैं उसी बिंदरू की बेटी हूं, मैं यहां खड़ी हुई जिस किसी में भी हिम्मत है, मेरे सामने आए और मुझसे बात करे। मैं उसका जवाब दूंगी।
श्रद्धा बिंदरू ने पिता के अंतिम संस्कार से पहले पत्रकारों से जिस बेबाकी से बात की, उसने सभी को अपना कायल कर दिया। कश्मीरी पंडित बेटी की इस बहादुरी को हर किसी ने सराहा। श्रद्धा ने कहा कि आतंकी अगर सोचते हैं तो उन्होंने कश्मीरी पंडित को मारकर उनके परिवार को डरा दिया है तो वे गलत हैं। उनके पिता ने जो शिक्षा और संस्कार दिए हैं, वह उन्हें झुकने नहीं देंगे। वह अपने पिता को आंसू बहाते हुए विदा नहीं करेंगी।
As long as India gives birth to daughters like her, coward terrorists will never succeed in their nefarious designs. pic.twitter.com/FV8iMv0DKj— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) October 6, 2021
मेरे पिता ने उस दौरान भी कश्मीर को नहीं छोड़ा जब बाकी पलायन कर गए थे। वह और उनका भाई अपने स्कूल कालेजों में अकेले हिंदू थे, जो बेबाकी से पढ़ाई करने के लिए जाया करते थे। हमें गर्व है कि मेरे पिता ने हमें अच्छी शिक्षा दी।
श्रद्धा बिंदरू ने आतंकवादियों से कहा कि वे पत्थरों और बंदूकों के बजाय शिक्षा से लड़ें। "वह कौन है जिसने मेरे पिता को मार डाला, मेरे सामने आओ, तुम्हारे पास कुछ शिक्षा है? मेरे पिता ने मुझे शिक्षा दी, राजनेताओं ने आपको बंदूकें और पत्थर दिए, आप बंदूक और पत्थरों से लड़ना चाहते हैं। आपको यह समझना होगा कि आपका इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर कश्मीर के लिए बेहतरी चाहते हो तो सामने आओ और शिक्षा से लड़ो।
"मैं एक एसोसिएट प्रोफेसर हूं, मैंने शून्य स्तर से शुरुआत की, मेरे पिता ने साइकिल से शुरुआत की, मेरा भाई एक प्रसिद्ध मधुमेह रोग विशेषज्ञ है, मेरी मां दुकान में बैठती है, यही माखन लाल बिंदू ने हमें बनाया है। वह फाइटर थे, वह कभी मर नहीं सकते।