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CRPF की ‘मददगार’ हेल्पलाइन बन चुकी है कश्मीर के लाखों लोगों की उम्मीद, 1000 यूनिट ब्लड दे चुकें हैं जवान

‘मददगार’ हेल्पालाइन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने शुरू किया था। आज कश्मीर के लोगों के लिए यह सबसे अधिक मददगार साबित हो रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 11:42 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 11:42 AM (IST)
CRPF की ‘मददगार’ हेल्पलाइन बन चुकी है कश्मीर के लाखों लोगों की उम्मीद, 1000 यूनिट ब्लड दे चुकें हैं जवान
CRPF की ‘मददगार’ हेल्पलाइन बन चुकी है कश्मीर के लाखों लोगों की उम्मीद, 1000 यूनिट ब्लड दे चुकें हैं जवान

जम्मू, राज्य ब्यूरो। बर्फबारी के बीच रात में दम तोड़ रही जिंदगी हो या फिर कश्मीर के विपरीत हालात में किसी को जरूरत हो या फिर अस्पतालों में खून के बिना दरबदर हो रहे लोग हो, कश्मीर के लाखों लोगों की उम्मीद एक है। इस उम्मीद ने भी किसी की उम्मीद को आज तक नहीं तोड़ा। जब भी किसी को जरूरत हो, जिंदगी के यह ‘मददगार’ हमेशा मदद के लिए आगे रहते हैं। अभी तक कश्मीर के अस्पतालों में यह ‘मददगार’ एक हजार यूनिट से अधिक ब्लड जरूरतमंदों को दे चुके हैं।

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‘मददगार’ हेल्पालाइन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने शुरू किया था। आज कश्मीर के लोगों के लिए यह सबसे अधिक मददगार साबित हो रही है। आम लोगों से लेकर अधिकारी तक इनकी सेवाओं को पसंद भी करते हैं। हाल ही में श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइसेज में भर्ती एक मरीज को खून की जरूरत पड़ी तो एसएसपी इम्तियाज हुसैन ने टवीट कर पीड़ित के लिए खून मांगा। उन्होंने सीआरपीएफ की हेल्पलाइन ‘मददगार’ को भी टवीट किया। उनके टवीट के चंद घंटों में ही जवान शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइसेज में पहुंचे और चार यूनिट ब्लड मरीज को दिया। जवानों की इस तत्परता ने एसएसपी का दिल जीतने में भी चंद मिनट ही लिए।

उन्होंने टवीट कर सीआरपीएफ के जवानों की सराहना की और कहा कि उनकी इस नि:स्वार्थ सेवा के लिए धन्यवाद। पिछले तीस महीनों में सीआरपीएफ की ‘मददगार’ कश्मीर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों को एक हजार से अधिक यूनिट ब्लड दे चुकी है। यह रक्तदान करने वाले कई गैर सरकारी संगठनों से कहीं अधिक हैं। जवानों की इस सेवा के लिए पहले भी उनकी सराहना हो चुकी है। कुछ दिन पहले ही ‘मददगार’ की टीम ने रामबन में तीन बच्चों व अन्य परिजनों के साथ फंसे एक परिजन की काल पर बर्फीली रात में बारह किलोमीटर पैदल चलकर उन्हें खाने पीने का सामान उपलब्ध करवाया था।  


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