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Coronavirus: कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं, डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए अलग होंगे अस्पताल

अब तक लगभग 240 गर्भवती महिलाओं में कोरोना की पुष्टि हो चुकी हैं। इनमें से अधिकांश दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग व कुलगाम की रहने वाली हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 02:37 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 02:37 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं, डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए अलग होंगे अस्पताल
Coronavirus: कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं, डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए अलग होंगे अस्पताल

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में कोरोना से पीड़ित गर्भवती महिलाओं, डाॅक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी काे देखते हुए प्रशासन ने उनके लिए अलग से अस्पताल चिन्हित करने का फैसला किया है। प्रदेश के सभी 20 जिलों में यह अस्पताल होंगें। इन अस्पतालों की क्षमता 50 बिस्तर की होगी। इन अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए भी सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी।

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प्रशासन ने यह कदम मई में अनंतनाग जिला अस्पताल में दो गर्भवती महिलाओं की माैत का संज्ञान लेते हुए उठाया है। अदालत ने भी इस मामले में प्रदेश प्रशासन को कोरोना संक्रमित महिलाओं के प्रसव की पूरी योजना काे तैयार कर उसके अनुपालन को सुनिश्चित बनाने का निर्देश दे रखा है।

अब तक 240 गर्भवती महिलाएं संक्रमित: जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 4500 का आंकड़ा पार कर चुका है। काेविड-19 से संक्रमित 52 लोग भी बीते दो माह के दौरान दम तोड़ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कश्मीर घाटी में करीब 350 रेड जोन हैं। इनमें तीन हजार गर्भवती महिलाएं हैं। अब तक लगभग 240 गर्भवती महिलाओं में कोरोना की पुष्टि हो चुकी हैं। इनमें से अधिकांश दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग व कुलगाम की रहने वाली हैं। इनके अलावा करीब 42 डाॅक्टर और 55 स्वास्थ्यकर्मी भी इस घातक वायरस से पीड़ित हो चुके हैं।

संबधित सूत्राें ने बताया कि अधिकांश गर्भवती महिलाओं में कोरोना का संक्रमण अस्पतालों में जांच के लिए बार-बार जाने से हुआ है। जहां तक डाॅक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की बात है तो उनमें संक्रमण का मुख्य कारण अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों व उनके संपर्क में आए लोगों का आना है। संक्रमण के लक्षण न होने की वजह से इनका पता नहीं चल पाता और वे भी पीड़ित हो रहे हैं।

घाटी के हर जिले में चिन्हित किए जा रहे अस्पताल: डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर पांडुरंग के पोले ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर हम वादी के हर जिले में कोरोना पीड़ित गर्भवती महिलाओं व स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50-50 बिस्तरों की क्षमता वाला एक अस्पताल चिन्हित कर रहे हैं। ये अस्पताल जिला मुख्यालय में ही स्थापित किए जा रहे हैं। हमारे पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक वादी में हर माह औसतन 600 गर्भवती महिलाओं का प्रसव होता है। गर्भवति महिलाआें की जांच के लिए हमने पहले भी कुछ अस्पताल चिन्हित कर रखे हैं। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग और आशा वर्करों की मदद से भी हम इन महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं यथा संभव उनके घरों में ही उपलब्ध करा रहे हैं।

डॉक्टरों-पैरा मेडिकल स्टाफ और गर्भवती महिलाओं में संक्रमण के मामले बढ़ रहे: स्वास्थ्य सेवा निदेशक कश्मीर डाॅ समीर मट्टु़ ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की दृष्टि से डाक्टर, पैरामेडिकल कर्मी और गर्भवती महिलाएं बहुत ज्यादा संवेदनशील हैं। बीते कुछ दिनों में डाॅक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। काेरोना से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। बीते एक पखवाड़े में शायद ही काेई दिन ऐसा रहा होगा, जिस दिन स्वास्थ्यकर्मी और गर्भवती महिलाओं के कोरोना से संक्रमित होने के दो-चार मामले सामने न आए हों। कई बार तो एक ही दिन में 15-20 गर्भवती महिलाओं में कोरोना की पुष्टि हुई है। इन हालातों को देखते हुए प्रत्येक जिला मुख्यालय में 50 बिस्तर की क्षमता के साथ अस्पताल की व्यवस्था की जा रही है। इन अस्पतालों में सिर्फ कोरोना पीड़ित गर्भवती महिलाओं और कोरोना से संक्रमित डाॅक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों का इलाज होगा। 


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