जम्मू-कश्मीर: हाउसिंग बोर्ड के पूर्व एमडी से 26 करोड़ की वसूली के आदेश पर अदालत ने रोक लगाई
याची राम पाल की ओर से हाईकोर्ट में पेश हुए वकील ने दलील दी कि यह मामला पहले से हाईकोर्ट में विचाराधीन है और हाईकोर्ट ने इसमें कई दिशानिर्देश भी जारी किए है लिहाजा बोर्ड के पास वसूली का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं।
जम्मू, जेएनएफ। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें बोर्ड के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर राम पाल से 26 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया गया था। हाउसिंग बोर्ड के मौजूदा मैनेजिंग डायरेक्टर ने 15 दिसंबर 2021 को एक आदेश जारी कर बोर्ड के कलेक्टर को राम पाल से 26 करोड़ 89 लाख 24 हजार रुपये वसूल करने का निर्देश दिया था।
राम पाल ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी और हाईकोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड को अगली सुनवाई तक पक्ष रखने का निर्देश देते हुए फिलहाल इस वसूली पर रोक लगा दी। राम पाल पर आरोप है कि उन्होंने हाउसिंग बोर्ड के एमडी पद पर रहते हुए 26 करोड़ रुपये का ऐसा खर्च किया जिसे खर्च करने का उनके पास अधिकार नहीं था। ऐसा करके उन्होंने बोर्ड को नुकसान पहुंचाया। याची राम पाल की ओर से हाईकोर्ट में पेश हुए वकील ने दलील दी कि यह मामला पहले से हाईकोर्ट में विचाराधीन है और हाईकोर्ट ने इसमें कई दिशानिर्देश भी जारी किए है, लिहाजा बोर्ड के पास वसूली का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं।
पत्रकार व छायाकार समेत चार के समन जारी
स्पेशल मोबाइल मजिस्ट्रेट जम्मू ने मानहानि के एक केस में एक न्यूज पोर्टल के पत्रकार व छायाकार समेत चार लोगों के समन जारी किए है। कोर्ट ने न्यूज पोर्टल चलाने वाली पत्रकार रबिया खजूरिया, उसके छायाकार विक्रांत शर्मा के अलावा नीलिमा कुमारी व किरण देवी के समन जारी किए है।
कोर्ट ने अखनूर के हल्का गड़खाल पंचायत के सरपंच कश्मीर सिंह की ओर से दायर मानहानि के केस में यह कार्रवाई की। कश्मीर सिंह ने कहा कि वह एक इज्जतदार व्यक्ति है और लोगों ने भारी मतों से उन्हें विजयी बनाकर क्षेत्र का सरपंच चुका। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि आरोपितों ने उन पर जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए एक फर्जी वीडियो बनाया और उसे अपने न्यूज पोर्टल पर वायरल करके उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। सरपंच की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने चारों के खिलाफ समन जारी करते हुए अखनूर पुलिस स्टेशन के एसएचओ को छह जनवरी को आरोपितों को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया।