जम्मू-कश्मीर: अदालत ने 16 साल की सुनवाई के बाद आतंकी को उम्रकैद की सजा सुनाई
सुरक्षाबलों ने 2006 में एक मुठभेड़ के दौरान फारूक अहमद को मार गिराया जबकि मुश्ताक अहमद को गिरफ्तार कर लिया। हंदवाड़ा पुलिस ने हत्या व आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच पूरी की और आरोपित के खिलाफ चार्जशीट पेश की।
जम्मू, जेएनएफ। सोलह साल पुराने एक मामले में हंदवाड़ा कोर्ट ने आतंकी मुश्ताक अहमद को उम्रकैद व साठ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। पुलिस केस के मुताबिक 22 दिसंबर 2005 को दो आतंकियों ने तारिक अहमद की हत्या कर दी। इन आतंकियों की मुश्ताक अहमद व फारूक अहमद के रूप में पहचान हुई।
सुरक्षाबलों ने 2006 में एक मुठभेड़ के दौरान फारूक अहमद को मार गिराया जबकि मुश्ताक अहमद को गिरफ्तार कर लिया। हंदवाड़ा पुलिस ने हत्या व आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच पूरी की और आरोपित के खिलाफ चार्जशीट पेश की। कोर्ट ने सोलह साल पुराने इस केस के तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया।
कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाते हुए पाया कि यह मामला दुलर्भ मामलों में नहीं आता और इस मामले में फांसी की सजा सुनाया जाना उचित नहीं। लिहाजा कोर्ट ने आरोपित को हत्या के मामले में उम्रकैद व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई और आर्म्स एक्ट के तहत सात साल के कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।