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Amandeep Murder Case: 11 साल बाद अमनदीप हत्याकांड में राॅयल को उम्रकैद, नागर सिंह-एसएसपी मनोहर समेत अन्य बरी

29 अगस्त 2009 को पीडीपी की पूर्व MLC एडवोकेट दविंद्र कौर के बेटे अमनदीप को उसके शास्त्री नगर स्थित घर के बाहर बुलाकर राजा और राॅयल सिंह ने गोली मार दी थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 06:43 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:46 PM (IST)
Amandeep Murder Case: 11 साल बाद अमनदीप हत्याकांड में राॅयल को उम्रकैद, नागर सिंह-एसएसपी मनोहर समेत अन्य बरी
Amandeep Murder Case: 11 साल बाद अमनदीप हत्याकांड में राॅयल को उम्रकैद, नागर सिंह-एसएसपी मनोहर समेत अन्य बरी

जम्मू, जागरण संवाददाता। बहुचर्चित अमनदीप हत्याकांड के मुख्य आराेपित राॅयल सिंह को ग्यारह वर्ष बाद द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विरेंद्र सिंह भाऊ ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस हत्याकांड में शहर के नामी ठेकेदार नागर सिंह उर्फ नागो का बेटा जितेंद्र सिंह उर्फ राजा भी मुख्य आरोपित था लेकिन ट्रायल के दौरान राजा की जेल मेें मौत हो गई थी।

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ग्यारह वर्ष पहले 29 अगस्त, 2009 को पीडीपी की पूर्व एमएलसी एडवोकेट दविंद्र कौर के बेटे अमनदीप को उसके शास्त्री नगर स्थित घर के बाहर बुलाकर जितेंद्र सिंह उर्फ राजा और राॅयल सिंह ने गोली मार दी थी। अमनदीप को उपचार के लिए पहले जीएमसी अस्पताल जम्मू ले जाया गया जहां से उसे बाद में परिजन दिल्ली ले गए थे लेकिन वहां पर अमन ने दम तोड़ दिया था। अमनदीप पीडीपी की पूर्व एमएलसी एडवोकेट दविंद्र कौर का बेटा था और इस बहुचर्चित हत्याकांड की शहर में खूब चर्चा रही। अमनदीप हत्याकांड में मुख्य आरोपितों के अलावा हत्या के सबूत नष्ट करने के आरोप भी लगे। सबूत नष्ट मामले में राजा के पिता नागर सिंह, तत्कालीन एसएसपी मनोहर सिंह, गांधी नगर के तत्कालीन एसएचओ सुलतान मिर्जा, बैलेस्टिक एक्सपर्ट सरवर हुसैन बुखारी, नागर के भाई जागर सिंह व राकेश सिंह को आरोपित बनाया गया था। इन पर आरोप था कि नागर सिंह ने अपने बेटे को बचाने के लिए हत्या में प्रयुक्त देसी कट्टे को बदलवा दिया था। हथियार बदलवाने में करोड़ों रुपयों का लेन देन हुआ।

इस हत्याकांड में सबूतों को नष्ट करने के मामले में गांधी नगर पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सतनाम सिंह व जेल पुलिस में कांस्टेबल राज सिंह भी आरोपित थे लेकिन इन दोनों की भी ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। वहीं कोर्ट ने मामले में मुख्य आरोपित रायल सिंह को उम्र कैद की सजा के साथ हत्या के आरोप में तीस हजार रुपये का जुर्माना और आर्म्स एक्ट के तहत तीन साल की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई। वहीं सबूत नष्ट मामले में पुख्ता सबूत न मिलने पर नागर सिंह, एसएसपी मनोहर सिंह, तत्काल एसएचओ गांधी नगर सुल्तान मिर्जा समेत अन्य आरोपितों को बरी कर दिया।


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