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Jammu : महिला केएएस अधिकारी व उसकी बहन पर दर्ज एफआइआर में जांच पर रोक

अंकुर शर्मा ने कहा कि क्राइम ब्रांच के एसएसपी रमेश कुमार के सहपाठी रह चुके है और रमेश कुमार का संरक्षण करने के लिए उन्होंने फर्जी आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज की ताकि रमेश कुमार के खिलाफ दर्ज एफआइआर को खत्म करवाया जा सके।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 10:42 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 10:42 AM (IST)
Jammu : महिला केएएस अधिकारी व उसकी बहन पर दर्ज एफआइआर में जांच पर रोक
यह आग्रह आयुक्त की ओर से नगरोटा जगटी के कैंप कमांडेंट को भी भेजा गया।

जम्मू, जेएनएफ : जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट ने महिला केएएस अधिकारी नेहा कश्यप व उनकी बहन मीनाक्षी पंडिता पर लगी एफआइआर में जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है। केएएस अधिकारी नेहा कश्यप सरकारी शिक्षक है और दोनों पर आरोप है कि उन्हाेंने सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद विस्थापित कश्मीरी पंडितों के नाम पर राहत राशि हासिल की।

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इन दोनों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने एफआइआर दर्ज की थी। हाईकोर्ट ने क्राइम ब्रांच को इस मामले में नोटिस जारी कर आपत्तियां दर्ज करवाने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक आपत्तियां दर्ज नहीं होती, दर्ज एफआइआर में कोई कार्रवाई न की जाए।

मामले की सुनवाई के दौरान नेहा कश्यप व मीनाक्षी पंडिता की ओर से पेश हुए एडवोकेट अंकुर शर्मा ने दलील दी कि मौजूदा एफआइआर बदले की भावना से दर्ज कराई गई है। वास्तव में केपीएस अधिकारी रमेश कुमार भट्ट के खिलाफ याचिकाकर्ता ने धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज कराई थी और उसी का बदला लेने के लिए यह एफआइआर दर्ज कराई गई।

अंकुर शर्मा ने कहा कि क्राइम ब्रांच के एसएसपी रमेश कुमार के सहपाठी रह चुके है और रमेश कुमार का संरक्षण करने के लिए उन्होंने फर्जी आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज की ताकि रमेश कुमार के खिलाफ दर्ज एफआइआर को खत्म करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने कोई अपराध नहीं किया लेकिन रमेश कुमार को फायदा पहुंचाने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कर दी गई।

एडवोकेट अंकुर शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के पिता ने परिवार का मुखियां होने के नाते 14 मार्च 2019 को राहत एवं पुनर्वास आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी बेटी नेहा कश्यप व मीनाक्षी पंडिता की राहत राशि बंद करने व उनका नाम परिवार के राशन कार्ड से अलग करते हुए राशन कार्ड विभाजित करने का आग्रह किया था। यह आग्रह आयुक्त की ओर से नगरोटा जगटी के कैंप कमांडेंट को भी भेजा गया।


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