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Jammu Kashmir: जेकेएसएसबी को याचिकाकर्ता शजादा की असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट जेल के पद पर नियुक्ति के निर्देश

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी को राहत प्रदान करते हुए कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने पेश होने की जरूरत नहीं। बेंच ने कहा कि अगर चीफ सेक्रेटरी अपनी ओर से हल्फनामा दायर कर देते हैं उन्हें स्वयं पेश होने की जरूरत नहीं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 03:38 PM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 03:38 PM (IST)
Jammu Kashmir: जेकेएसएसबी को याचिकाकर्ता शजादा की असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट जेल के पद पर नियुक्ति के निर्देश
बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा।

जम्मू, जेएनएफ । हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखते हुए सर्विस सिलेक्शन बोर्ड को याचिकाकर्ता शजादा मुशरिब की असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट जेल के पद पर नियुक्ति के लिए सिफारिश करने का निर्देश दिया है। इस पद पर बहजात-उन-नाजिर की नियुक्ति हुई थी जिसे निचली अदालत में चुनौती दी गई थी।

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निचली अदालत ने इस नियुक्ति को खारिज करते हुए एसएसबी को याची का नाम नियुक्ति के लिए भेजने का आदेश दिया था। बोर्ड की ओर से इसे डिवीजन बेंच में चुनौती दी गई लेकिन बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा।

चीफ सेक्रेटरी को पेश होने की जरूरत नहीं

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी को राहत प्रदान करते हुए कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने पेश होने की जरूरत नहीं। बेंच ने कहा कि अगर चीफ सेक्रेटरी अपनी ओर से हल्फनामा दायर कर देते हैं, तो उन्हें स्वयं पेश होने की जरूरत नहीं। कश्मीर घाटी में पहली मई 1990 को जानीमानी लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता सर्वानंद कौल प्रेमी की हत्या के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने चीफ सेक्रेटरी को पेश होने का निर्देश दिया था।

सरकार की ओर से इस आदेश को चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि पीड़ित को प्रदेश मानवाधिकार आयोग के पास शिकायत करनी चाहिए थी लेकिन उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली में शिकायत की और वहां से शिकायत प्रदेश आयोग के पास आई। प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने इस मामले की जांच भी करवाई जिसमें कुछ दिशानिर्देश के साथ रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है। याचिका में कहा गया कि प्रदेश मानवाधिकार आयोग में रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है, लिहाजा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा चीफ सेक्रेटरी को पेश होने का निर्देश नहीं दिया जा सकता। इस पर बेंच ने स्पष्ट किया कि चीफ सेक्रेटरी ने अगर अपनी ओर से कोई हल्फनामा दायर नहीं किया है तो वह हल्फनामा दायर कर दे।

आयुक्त सचिव व अन्य को नोटिस जारी

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में आवास व शहरी विकास विभाग के आयुक्त सचिव, जम्मू नगरनिगम के आयुक्त व अन्य को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के 19 जुलाई 2021 को एक निर्माण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान स्टे आर्डर दिया था। गैर सरकारी संस्था एसइइडी की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट के स्टे आर्डर का संबंधित विभागों ने पालन नहीं करवाया। इस पर बेंच ने आवास व शहरी विकास विभाग के आयुक्त सचिव धीरज गुप्ता, जम्मू नगरनिगम की आयुक्त अवनी लवासा, सह-आयुक्त पंकज गुप्ता व हेल्थ आफिसर डॉ. संजोगिता सूदन को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर पक्ष रखने का निर्देश दिया। 


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