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Action on Corruption in JK: ठेकेदारों से मिल कश्मीर मेंं 182 ट्रक गरीबों का राशन गायब कर गए थे भ्रष्ट कर्मचारी, Kupwara में तीन बर्खास्‍त

जम्‍मू कश्‍मीर में भ्रष्‍टाचार इस कदर व्‍याप्‍त था कि भ्रष्‍ट अफसर और कर्मचारी कुपवाड़ा में गरीबों के लिए आए 182 ट्रक राशन को पंजाब के ठेकेदारों के साथ मिलकर हजम कर गए। इस घोटाले के कई वर्षों बाद अब भ्रष्‍ट कर्मचारियों को बर्खास्‍त किया गया है।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 07:12 AM (IST)
Action on Corruption in JK: ठेकेदारों से मिल कश्मीर मेंं 182 ट्रक गरीबों का राशन गायब कर गए थे भ्रष्ट कर्मचारी, Kupwara में तीन बर्खास्‍त
कश्‍मीर के कुपवाड़ा में गरीबों के लिए आए 182 ट्रक गरीबों के राशन को कर्मचारी ठेकेदारों संग हजम कर गए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: कुपवाड़ा (Kupwara) में गरीबों के लिए आए 182 ट्रक गरीबों के राशन को ठेकेदारों के साथ मिलकर हजम कर जाने वाले खाद्य एवं आपूर्ति (Food and Supply Department) विभाग के तीन कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इन कर्मचारियों ने बहुचर्चित घोटाले में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के पंजाब के ठेकेदारों के साथ मिलकर धांधली की थी।

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असल में यह राशन केवल कागजों में ही बांट दिया गया और असल में यह राशन कुपवाड़ा के लोगों तक पहुंचा ही नहीं। सीबीआइ (FCI) धांधली की जांच करने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पहले ही चालान पेश कर चुकी है।

सरकार ने अब भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए धांधली करने वाले कुपवाड़ा के कुलनगाम ग्रेनरी (गोदाम) के स्टोर कीपर फेयाज अहमद लोन, एफसीआइ कुपवाड़ा की फूड स्टोर डिवीजन के असिस्टेंट स्टोर कीपर मोहम्मद गुलजार जोन व हमीदउल्लाह मीर को नौकरी से निकाल दिया। इस मामले में फंसा एक तहसील सप्लाई ऑफिसर पहले ही सेवानिवृत्‍त हो चुका है।

11 माह पहले कार्रवाई की मंजूरी मिली थी 

इस साल जनवरी में इन भ्रष्ट  कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार की मंजूरी मिल गई थी। अब विभाग ने उन्हें नौकरी से बर्खास्‍त करने का आदेश जारी कर दिया है। इन कर्मचारियों के खिलाफ पेश चार्जशीट के आधार पर वर्ष 2015 से 2017 के बीच पंजाब में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोदाम से निकले राशन के 180 वाहन कश्मीर पहुंचे ही नहीं और कुपवाड़ा के आम लोग इंतजार ही राशन करते रहे।

इस धांधली में कश्मीर के दौरान लोअर मुंडा नाका प्वायंट पर भी मिलीभगत का पर्दाफाश हुआ।  धांधली की साजिश इन कर्मचारियों ने पंजाब के ठेकेदारों के साथ मिलकर बनाई थी। इसके लिए उन्हें लाखों की रिश्वत मिली।

यूं पैसा इधर से उधर किया :

जांच के दौरान पता चला कि ठेकेदारों ने फर्जी सप्लाई के लिए  हमीदउल्लाह मीर के खाते में सात लाख, उनके ससुर के खाते  में चार लाख, पत्‍नी के अकाउंट में एक लाख व भतीजे के अकाउंट में पांच लाख ट्रांसफर किए थे।  जांच के दौरान यह पता चला कि हमीदुल्लाह मीर व गुलजार लोन ने बडग़ाम के खाग में दो लोगों से जमीन खरीद कर उनके खाते  में 23 लाख ट्रांसफर किए थे।

इसके साथ हमीदउल्लाह ने बटमालू के बथर कॉलोनी में 17 लाख का घर खरीदा था। मोहम्मद गुलजार लोन के खाते में एक ठेकेदार ने 6.19 लाख ट्रांसफर किए थे।  एजेंट ने लोन की बेटी के खाते में दो लाख डाले  थे। लोन ने बडग़ाम के खाग में 23.50 की 3.10 कनाल जमीन खरीदी थी।

इसका भुगतान ठेकेदारों के एजेंटों ने किया था। वहीं फयाज लोन को ठेकेदारों के एजेंटों ने पांच लाख दिए थे। सीबीआइ ने यह पैसा ट्रांसफर करने वाले एजेंट, ठेकेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। सरकार ने भ्रष्टाचार के इस मामले में निर्णायक कार्रवाई करते हुए सरकार को लाखों  का चूना लगाने वाले तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया।


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