Coronavirus In Jammu: जीएमसी जम्मू में हो रही है 30% कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत
जीएमसी प्रशासन और स्थानीय प्रशासन बेशक सुविधाएं बढ़ाने के दावे कर रहे हों लेकिन वे भी परेशान हैं। हर दकन कोई समितति बनाई जाती है या फिर कुछ नया करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कुछ नहीं हो रहा है।
जम्मू, रोहित जंडियाल: राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में लगातार हो रही मौतों को बेशक प्रशासन मरीजों के देर से आने और यूके वेरिएंट को जिम्मेदार बता रहा हो, लेकिन आइसीयू बिस्तरों की कमी और मौतों के लगातार होने से अब जीएमसी प्रशासन के साथ-साथ प्रशासन भी चिंतित हो उठा है। मौतों के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
वहीं, कई वाडों के लिए तैनात नोडल अधिकारियों से भी भी लगातार राय ली जा रही है लेकिन मौतों का सिलसिला नहीं रूक रहा है। कुल मौतों की करीब 29 फीसद मौतें सिर्फ राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में हो रही है। इसके सहायक अस्पतालों में हो रही मौतें अलग हैं।
शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में कई दिनों के बाद मौतों का ग्राफ नीचे आया है लेकिन राजकीय मेडिकल कालेज में फिर से 13 मरीजों की मौत हो गई। इस महीने अभी तक 1182 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से 342 मौतें अर्थात 29 फीसद सिर्फ राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल जम्मू में हुई हैं। यह सिलसिला थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। जीएमसी प्रशासन और स्थानीय प्रशासन बेशक सुविधाएं बढ़ाने के दावे कर रहे हों लेकिन वे भी परेशान हैं। हर दकन कोई समितति बनाई जाती है या फिर कुछ नया करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कुछ नहीं हो रहा है। प्रशासन अब मौत के कारणों का भी पता लगा रहा है।
जीएमसी प्रशासन ने पहले से ही सभी वाडों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं जो कि वाडों में सुविधाओं और कमियों के बारे में प्रिंसिपल जीएमसी को जानकारी देते हैं। कुछ नोडल अधिकारियों ने बताया कि वाडों में सुविधाओं की कमी है। कुछ जगहों पर वेंटीलेटर भी खराब थे। इसकी जानकारी प्रशासन को उपलब्ध करवा दी है।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि जीएमसी में कोविड वाडों में बड़ी संख्या में तीमारदारों को भेजने पर उपराज्यपाल प्रशासन ने भी नाराजगी जताई है और इसकी रिपोर्ट भी तलब की है। इसके बाद भी वाडों में कुछ तीमारदार हैं और केवल मास्क पहन कर ही मरीजों के पास बैठे होते हैं। इससे भी कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका जताई गई है।
जीएमसी के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि यहां पर सुविधाओं की कमी के अलावा तालमेल की भीर कमी है। उनका कहना है कि आइसीयू के सभी बिस्तर भरे हुए हें। ऐसे में जब एक डाक्टर किसी दूसरे मरीज को वेंटीलेटर का प्रबंध करने को कहता है तो उसे यह सुविधा नहीं मिल पाती है और इस दौरान मरीज की मौत भी हो जाती है। वहीं कई मरीज वाइपेप की सुविधा के लिए तरस रहे हैं। कुछ तीमारदार तो बाजार से वाइपेप किराये पर ले आते हैं लेकिन मरीजों की इतनी संख्या है कि उसे पूरा करना आसान नहीं है। कुछ मरीजों की शिकायत है कि उन्हें हाई फ्लो आक्सीजन नहीं मिल पा रही है।
सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास जारी: जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर डा. राघव लंगर का कहना है कि लगातार हो रही मौतें चिंता का विषय हैं लेकिन लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। महामारी जिस प्रकार से रूप ले रही है, उसी के अनुसार तैयारियां भी की जा रही हैं। जीएमसी में बहुत से लोगों की मौत का कारण उनकी इलाज के लिए देरी से आना भी है। लोगों से अनुरोध है कि वे समय पर इलाज करवाने के लिए आएं। वाडों में तीमारदारों के भेजने की बात है तो उसका संज्ञान लिया गया है। हर किसी का प्रयास है कि मरीजों को उचित इलाज मिले।