Coronavirus Effect In Jammu: कोरोना की भेंट चढ़ रहा है इस साल का अकादमिक सत्र, अभी आनलाइन शिक्षा से ही काम चलेगा
अकादमिक सत्र 2021-22 के शुरुआती महीने तो आनलाइन शिक्षा में ही बीतेंगे। बाद में हालात पूरी तरह से सामान्य होने पर ही रोटेशन पर शिक्षण संस्थानों को खोलने की संभावना है। विद्यार्थियों को सवा साल से अधिक का समय तो आनलाइन शिक्षा से ही हो गया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कोरोना के मामलों में कमी आने से भले ही अनलॉक शुरू कर दिया गया है, मगर शिक्षण संस्थान अभी नहीं खुलेंगे। सरकार ने शिक्षण संस्थानों को पंद्रह जून तक बंद रखने के आदेश दिए हैं। पंद्रह जून के बाद तिथि को आगे बढ़ाया जाना तय है क्योंकि मामला विद्यार्थियों की सुरक्षा से संबंधित है। अभी आनलाइन शिक्षा से ही काम चलेगा।
अगर अठारह साल से 44 साल के बीच वैक्सीनेशन का अभियान तेजी के साथ जारी रहता है तो आने वाले समय में विश्वविद्यालयों को खोला जा सकता है, लेकिन स्कूलों या कालेजों को खोलने की संभावना नहीं है। कश्मीर के पांच जिले अभी रेड जोन में है। सामुदायिक शिक्षा भी संभव नहीं हो पा रही है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अभी बारहवीं कक्षा की परीक्षा की तिथि को लेकर फैसला करना है। जम्मू कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन भी स्थिति पर नजर रखे हुए है।
बोर्ड ने बारहवीं के कुछ पेपर करवाए थे और कुछ शेष बचे हुए है। दसवीं के कुछ पेपर हुए थे, बाकी नहीं हो पाए थे। यह फैसला हो गया है कि दसवीं के शेष बचे हुए पेपर नहीं होंगे। ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षा नहीं हो पाई थी। दसवीं का परिणाम निकाला जाना है। बारहवीं कक्षा के परिणाम के बाद ही कालेजों में अंडर ग्रेजुएट के पहले सेमेस्टर के दाखिले हो पाएंगे। इसमें भी काफी देरी संभव है।
अकादमिक सत्र 2021-22 के शुरुआती महीने तो आनलाइन शिक्षा में ही बीतेंगे। बाद में हालात पूरी तरह से सामान्य होने पर ही रोटेशन पर शिक्षण संस्थानों को खोलने की संभावना है। विद्यार्थियों को सवा साल से अधिक का समय तो आनलाइन शिक्षा से ही हो गया है।
सबसे अधिक असर इंजीनियरिंग व मेडिकल के विद्यार्थियों पर पड़ा है क्योंकि वे तो प्रेक्टिकल ही नहीं कर पाए हैँ। इंजीनियरिंग के पेपर तो आन लाइन हो चुके है। जम्मू में मेडिकल के पेपर स्थगित हैं जिनको लेकर फैसला होना है।