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Coronavirus Effect: कोरोना महामारी ने बैंक्वेट हाल व रिजार्टस मालिकों की दिक्कते बढ़ाई

जिला प्रशासन ने जो नियम लागू किए हैं उनमें शादी समारोह में पचास से लेकन 100 लोगों को शामिल रखने की हिदायत है। उनका कहना है आज के इस समय में छोटे से छोटे समारोह में शरीक होने वाले लोगाें की संख्या 100 से 150 तक पहुंच जाती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 10:56 AM (IST)
Coronavirus Effect: कोरोना महामारी ने बैंक्वेट हाल व रिजार्टस मालिकों की दिक्कते बढ़ाई
बैंकों से कर्ज लेकर बड़े-बड़े ढांचे तैयार किए हैं उनका मासिक ब्याज हजारों में आ रहा है।

जम्मू, जागरण संवाददाता। विवाह शादियों के सीजन में कोराेना ने बैंक्वेट हाल व रिजार्ट मालिकों की दिक्कतों को बढ़ा दिया है। आलम यह है कि पहले से जिन समारोह की रिजार्टस प्रबंधन द्वारा एड़वांस बुकिंग की गई थी, उसे लोग वापिस लेना शुरू हो गए हैं।

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ऐसे में रिजार्ट मालिकों को यह चिंता सता रही है कि बैंकों से कर्ज लेकर बनाए गए स्वरोजगार के साधन कहीं उनका जीवन संकट में न डाल दें।रिजार्ट मालिक बिंदर सिंह, यशपाल खजुरिया, राकेश कुमार, विजय कुमार, सुरेश चौधरी, रजिंद्र सिंह अन्य ने कहा कि हर तरफ कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने जो नियम लागू किए हैं उनमें शादी समारोह में पचास से लेकन 100 लोगों को शामिल रखने की हिदायत है। उनका कहना है आज के इस समय में छोटे से छोटे समारोह में शरीक होने वाले लोगाें की संख्या 100 से 150 तक पहुंच जाती है।

उन्होंने कहा कि प्रशासनिक नियम लागू होने के साथ ही जिन लोगों ने अपने आयोजित किए जाने वाले शादी समारोह की बुकिंग करवाई है, वापिस ले रहे हैं। बुकिंग वापिस लेने वाले लोगों का कहना है कि सौ लोगाें को शामिल रखने वाले समारोह के लिए हजारों रूपये खर्च करने की क्या जरूरत है? इतने छोटे समारोह तो घर आंगन में भी आयोजित किए जा सकते हैं? जो पैसा बचेगा उसका किसी सही जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। उधर शादियों की वापिस हो रही बुकिंग से परेशान रिजार्ट मालिकों ने कहा कि बैंकों से कर्ज लेकर बड़े-बड़े ढांचे तैयार किए हैं उनका मासिक ब्याज हजारों में आ रहा है।

कोरोना महामारी के चलते पिछले साल भी रिजार्ट में कहीं पर भी कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए और इस साल भी शादियों के मुहूर्त खुलने के साथ ही प्रशासनिक आदेश लागू हो गए। ऐसे में रिजार्ट मालिक कर्जे के बोझ तले दबते चले जाएंगे। उन्होंने सरकार व प्रशासन से बढ़ते बैंक कर्ज से राहत देने की अपील की है।


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