Jammu Kashmir: कोरोना विजेता अब कश्मीर में दान कर सकेंगे प्लाज्मा
श्रीनगर स्थित स्किम्स में प्लाज्मा एकत्रित करने वाली मशीन लगाई गई कोरोना से जूझ रही घाटी में प्लाज्मा बैंक की स्थापना की ओर बढ़ा कदम
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोरोना संक्रमण के संकट से जूझ रहे कश्मीर में प्लाज्मा बैंक की स्थापना की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (स्किम्स) सौरा, श्रीनगर में बुधवार को प्लाज्मा एकत्रित करने वाली अत्याधुनिक स्पेक्ट्रा आपटिया सेल एफ्रेसिस मशीन लगा दी गई है। एक डॉक्टर से अपना प्लाज्मा दान भी किया है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 15 हजार के पार हो चुकी है। 273 की मौत भी हो चुकी है। कश्मीर में कोरोना के गंभीर रोगियों के उपचार लिए एक माह पहले प्लाज्मा थैरेपी का सहारा लिया गया है। कश्मीर में यह थैरेपी फिलहाल स्किम्स में ही उपलब्ध है। संस्थान के निदेशक डॉ. एजी अहंगर ने प्लाज्मा की मशीन का उद्घाटन किया। यह मशीन इस समय देश के कुछ गिने चुने संस्थानों में ही है।
उन्होंने बताया कि यह प्लाज्मा को एकत्रित करने व उसके ट्रांसफ्यूजन में बहुत कारगर है। अगर कोई व्यक्ति बीमारी से ठीक हुआ है और अपना प्लाज्मा दान करता है तो उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। यह एक तरह से एंटीबॉडी तकनीक है। एक दानकर्ता दो मरीजो के लिए एक ही समय में अपना प्लाज्मा दान कर सकता है।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसन विभाग की प्रमुख प्रो. रुमाना मखदूमी ने बताया कि इस मशीन की स्थापना से कश्मीर में प्लाज्मा बैंक की स्थापना की दिशा में एक बड़ा कदम है। उम्मीद है कि कश्मीर में बड़ी संख्या में लोग प्लाज्मा दान करने लिए आगे आएंगे।
प्लाज्मा दान करने के लिए स्क्रीनिंग शिविर
श्रीनगर में गुपकार मार्ग पर स्थित कश्मीर नर्सिग होम में बुधवार को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पुलिस के साथ प्लाज्मा स्क्रीनिंग शिविर लगाया। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से ठीक हुए पुलिस विभाग के सभी अधिकारी और कर्मी स्वेच्छा से अपना प्लाज्मा दान कर रहे हैं। पुलिस के 300 कर्मी और अधिकारी ऐसे हैं जो कोरोना को हराकर आए हैं। यह सभी स्क्रीनिंग प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे।