Corona Vaccine in Jammu Kashmir: 25 फरवरी के बाद अब नहीं होगा स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण, तीसरे चरण की तैयारी
Corona Vaccine in Jammu Kashmir राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. काजी हारूण का कहना है कि विभाग ने अपनी ओर से सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचावे के लिए टीकाकरण करवाने के लिए कहा लेकिन बहुत से कर्मचारी आगे नहीं आए।
जम्मू, रोहित जंडियाल: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान से किनारा कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जोर का झटका देने जा रहा है। जिन कर्मचारियों ने अभी वैक्सीन के टीके नहीं लगवाए हैं, उन्हें अब इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। तीसरे चरण में पचास वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को टीके लगने के बाद ही अब बचे हुए स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण हो सकता है। अब तक जम्मू-कश्मीर में 63 फीसद स्वास्थ्य कर्मियों ने ही टीके लगवाए हैं।
जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 1,16,129 स्वास्थ्य कर्मियों ने टीकाकरण के लिए अपना पंजीकरण करवाया हुआ है। इनमें से करीब 70 हजार स्वास्थ्य कर्मियों कोरोना वैक्सीन के टरके लगवा लिए हैं। अब सिर्फ मंगलवार और वीरवार को ही स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज दी जानी है। अभी भी 37 फीसद कर्मचारियों को वैक्सीन नहीं लगी है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक ने बीस फरवरी तक सभी स्वास्थ्य कर्मियों को पहली डोज देने के लिए कहा था। इसके बाद अगले पांच दिन पच्चीस फरवरी तक उप स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगने थे जो कि किसी कारण अपनी बारी पर टीके नहीं लगवा पाए। लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया। जम्मू-कश्मीर के किसी भी जिले में शत-प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारी टीके लगवाने के लिए आगे नहीं आए।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. काजी हारूण का कहना है कि विभाग ने अपनी ओर से सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचावे के लिए टीकाकरण करवाने के लिए कहा लेकिन बहुत से कर्मचारी आगे नहीं आए। अब मंगलवार और वीरवार काे जो कर्मचारी आएंगे, उन्हें टीके लगा दिए जाएंगे। इसके बाद किसी भी कर्मचारी को टीका नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तीसरे चरण की तैयारी शुरू की जा रही है। इसमें पचास वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों का टीकाकरण होगा जिन्हें कोई बीमारी है ताकि उन्हें भी इस संक्रमण से बचाया जा सके। यही नहीं फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीके लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों को दूसरी डोज भी दी जा रही है। ऐसे में अब पच्चीस फरवरी के बाद स्वास्थ्य कर्मियों को पहली डोज देना मुमकिन नहीं है। अब तीसरे चरण में लोगों का टीकाकरण करने के बाद अगर बचे हुए स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोई दिशा निर्देश आते हैं तो उनके टीकाकरण पर विचार होगा। गौरतलब है कि अनंतनाग, बडगाम, बारामुला, गांदरबल, कुलगाम, कुपवाडा, पुलवामा, श्रीनगर, किश्तवाड़, राजौरी, रियासी जिलों में अस्सी फीस से भी कम टीकाकरण होने की उम्मीद नहीं है।
आपको बता दें कि पहले कुछ जिलों में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने सर्कुलर जारी किए थे जिसमें यह चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया तो उनके तबादले किए जाएंगे और नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों की सेवाओं को आगे जारी नहीं रखा जाएगा। लेकिन अभी इस प्रकार की किसी भी प्रकार की कार्रवाई का कोई भी संकेत नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल उनका टीकाकरण नहीं होगा।