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Corona Vaccine In Jammu Kashmir: साठ लाख से अधिक हुई टीकाकरण वालों की संख्या, लोग भी दिखा रहे उत्साह

Corona Vaccine In Jammu Kashmir किश्तवाड़ 97.88 कठुआ 96 फीसद ऊधमपुर 92.33 फीसद और श्रीनगर 94.20 फीसद के साथ लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हें। यही नहीं 131 स्वास्थ्य कर्मियों और 739 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने भी टीकाकरण करवाया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 07:41 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 07:41 AM (IST)
Corona Vaccine In Jammu Kashmir: साठ लाख से अधिक हुई टीकाकरण वालों की संख्या, लोग भी दिखा रहे उत्साह
45 साल से अधिक आयु वर्ग में टीकाकरण अभियान में सौ फीसद का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण करवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।वीरवार को अस्सी हजार से अधिक लोगों द्वारा टीकाकरण करवाने से अब तक 60.88 लाख लोगों का टीकाकरण हो चुका है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार वीरवार को 45 साल से अधिक आयु वर्ग में 76 हजार से अधिक लोगों ने टीकाकरण करवाया।

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इस आयु वर्ग में जम्मू संभाग के चार और कश्मीर के आठ जिले पहले से ही सौ फीसद टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर चुके हैं। वहीं किश्तवाड़ 97.88, कठुआ 96 फीसद, ऊधमपुर 92.33 फीसद और श्रीनगर 94.20 फीसद के साथ लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हें। यही नहीं 131 स्वास्थ्य कर्मियों और 739 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने भी टीकाकरण करवाया। सभी जिलों में वैक्सीन उपलब्ध होने के कारण अब टीकाकरण अभियान तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डा. सलीम ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही 45 साल से अधिक आयु वर्ग में टीकाकरण अभियान में सौ फीसद का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। अभी इस वर्ग में 99.39 फीसद लोगों ने टीकाकरण करवा लिया है।

दस मिनट में किया ट्राइफोकल इंट्राओकुलर लेंस प्रत्यारोपण: सूद आई केयर जम्मू ने जम्मू-कश्मीर में पहली बार कोल्ड फैको तकनीक से ट्राइफोकल इंट्राओकुलर लेंस प्रत्यारोपण किया।मात्र दस मिनट में हुए इस प्रत्यारोपण में मरीज को दर्द नहीं हुई। यही नहीं टांके भी नहीं लगाने पड़ते जिस कारण खून भी नहीं बहता है। जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी को मोतियाविंद की शिकायत हुई। उक्त अधिकारी ने जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. आरडी सूद के साथ किया।

कुछ टेस्ट करने के बाद डा. सूद ने उन्हें ट्राइफोकल इंट्राओकुलर लेंस प्रत्यारोपण करवाने का सुझाव दिया। इससे मध्यम दूरी से साफ दिखाई देता है।यही नहीं कम दूरी और अधिक दूरी से भी साफ दिखाई देता है। इससे पहले तीनों ही प्रकार की दूरी पर नहीं देखा जा सकता था।यह प्रत्यारोपण आंख के प्राकृतिक लेंस की जगह लेते हैं, जिसे मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान हटा दिया जाता है। हालाकि इस लेंस का उपयोग जम्मू में पहली बार किया गया है। डा. सूद ने यह प्रत्यारोपण बिना एनेस्थीसिया दिए ही किया। डा. सूद ने कहा कि इस सर्जरी में मरीज और डाक्टर दोनों में ही धैर्य की जरूरत होती है।मरीज सर्जरी करवाने के बाद अपनी कार खुद चलाकर वापस गया।


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