Corona Third Wave Alert in Jammu Kashmir: कोविड की तीसरी लहर को लेकर अगले 100 दिन अहम
डॉ मीर ने कहा कि तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने की रणनीति टीका लगवाना है।उन सभी लोगों जिन्होंने वैक्सीन की पहली डोज नहीं ली है उन्हें टीका लगवाना चाहिए। जिन लोगों ने पहली डोज ली है और अपनी तय अवधि पूरी कर ली है उन्हें दूसरी डोज लेनी चाहिए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: विश्व स्वास्थ्य संगठन के कश्मीर में चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशिक राशिद मीर ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने में देरी होने में टीकाकरण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि टीका लगाने वाले लोगों ने कोविड -19 की तीसरी लहर की देरी में योगदान दिया है। उन्होंने हालांकि चेतावनी दी कि अगले सौ दिन तीसरी लहर को लेकर बहुत अहम हैं।
डॉ मीर ने कहा कि तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने की रणनीति टीका लगवाना है।उन सभी लोगों जिन्होंने वैक्सीन की पहली डोज नहीं ली है, उन्हें टीका लगवाना चाहिए। जिन लोगों ने पहली डोज ली है और अपनी तय अवधि पूरी कर ली है, उन्हें दूसरी डोज लेनी चाहिए।उन्होंने कहा कि लोगों को सरकार द्वारा जारी एसओपी का भी सख्ती के साथ पालन करना होगा। जरूरत पड़ने पर बाहर जाएं और भीड़ एकत्रित न करें। इससे संक्रमण की आशंका कम होगी। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने को भी कहा।
बच्चों को दे रहे प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण : बाल आश्रम अंबफला में रहने वाले बच्चों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हुए मेडिकल आफिसर डॉ. राजेंद्र थापा अपने सहयोगी के साथ दे रहे हैं। उसका मकसद सभी को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण देकर जरूरतमंदों की जान बचाना है।कई सरकारी और निजी कंपनियों के स्टाफ सदस्यों को प्राथमिक उपचार पर प्रशिक्षण देने वाले डॉ. राजेंद्र थापा इस बाल आश्रम में पढ़ने वाले सभी 110 बच्चों को अब प्रशिक्षित करना चाहते हैं। इसमें उनका साथ शिरीन भी दे रही है।
डॉ. थापा का कहना है कि बहुत से लोगों को अगर समय पर प्राथमिक उपचार दे दिया जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है। लेकिन विडंबना यह है कि अभी भी जम्मू-कश्मीर में प्राथमिक उपचार को लेकर लोग प्रशिक्षित नहीं है। अगर विद्यार्थियों को स्कूलों में ही प्रशिक्षण दे दिया जाए इस समस्या का समाधान हो सकता है। यही सोच कर बाल आश्रम में पढ़ रहे बच्चों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हर रविवार को पच्चीस मिनट बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
रीजनल रेडक्रास सोसायटी के साथ कई सालों से जुड़े डॉ. थापा का कहना है कि हाल ही में हड्डी रोग विशेषज्ञों ने भी प्राथमिक उपचार की जानकारी न होने का मुद्दा उठाया था। उनका भी कहना था कि सड़क हादसों के दौरान भी प्राथमिक उपचार अगर समय रहते मिल जाए तो कई घायलों को बचाया जा सकता है। उनका प्रयास भी यही है कि अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जाए ताकि हर किसी को जरूरत पड़ने पर प्राथमिक उपचार मिल सके।