जम्मू रेलवे स्टेशन में उड़ रही हैं कोरोना नियमों की धज्जियां, शारीरिक दूरी के नियमों का नहीं हो रहा है पालन
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दो गज की शारीरिक दूरी को अहम बताया गया है। लेकिन जम्मू रेलवे स्टेशन की बात करें तो वहां कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाए गए नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता । कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दो गज की शारीरिक दूरी को अहम बताया गया है। लेकिन जम्मू रेलवे स्टेशन की बात करें तो वहां कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाए गए नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी के पहुंचते ही कोरोना जांच के लिए यात्रियों को एक भीड़ की शक्ल में खड़ा कर दिया जाता है। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो पाता। यात्रियों की भीड़ में यदि एक भी यात्री कोरोना संक्रमित होगा तो है वह कई अन्य यात्रियों को अपनी चपेट में ले सकता है। जिससे महामारी के फैलने का खतरा बना रहता है।
दरअसल जिला प्रशासन जम्मू ने बाहरी राज्यों से आने वाली रेलगाड़ियों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए जम्मू रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच को अनिवार्य किया गया है। ऐसे में रेलगाड़ी से जैसे ही यात्री उतरते हैं तो उन्हें जांच के नाम पर प्लेटफार्म पर एक ही स्थान पर एकत्रित कर दिया जाता है ताकि उन्हें कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेलवे स्टेशन में बनाए गए विशेष बूथ में भेजा जस सके।
कोरोना जांच के नाम पर सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। लोगों को कतार में खड़े करना और यह सुनिश्चित करना किसी कोई भी यात्री बिना कोरोना जांच के स्टेशन से बाहर ना निकले यह जिम्मेवारी रेलवे पुलिस की है। रेलवे पुलिस कर्मी यात्रियों से कोरोना नियमों का पालन करने की बजाए उन्हें दूर से ही निर्देश देकर तमाशबीन बनकर खड़े रहते हैं। ऐसे में जम्मू रेलवे स्टेशन कभी भी कोरोना महामारी का सुपर स्पाइडर बन सकता है। मौके पर मौजूद रेलवे पुलिस अधिकारियों से जब कोरोना नियमों की घज्जियां उड़ाए जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने ने बात करने से इंकार कर दिया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी से इससे पल्ला झाड़ते हुए यात्रियों को ही अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।