Coronavirus Effect: कोरोना ने बढ़ाया घर घर का खर्चा, साबुन, मास्क, सैनिटाइजर पर लुटाना पड़ रहा पैसा
घर में एक दो बड़ी बोतल सबके इस्तेमाल के लिए रखी होती है। इसके अलावा अधिकांश घरों में सभी ने अलग अलग सैनिटाइजर की शीशी अपने साथ भी रखी होती है। सामान्य सा सैनिटाइजर भी आज 50 रुपये में मिल रहा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: कोरोना के इस दौर में हर घर का खर्च बढ़ गया है। यह खर्च रोजमर्रा धड़ल्ले से इस्तेमाल होने वाले होने वाले साबुन, सैनिटाइजर, मास्क के कारण हुआ है। वैसे खाद्य पदार्थ की चीजें भी महंगी हो चुकी हैं। लेकिन साुबन, सैनिटाइजर का खर्च लोगों को चुभ रहा है। चूंकि जिंदगी बचाने का सवाल है, इसलिए कोई भी जोखिम उठाना नही चाहता।
इन दिनों सबसे बड़ा जोर हाथ धोने पर है। इसलिए घर घर में साबुन खूब घुल रहा है। घर में रहने वाला हर एक इंसान दिन में दस पंद्रह बार ना नाहक ही हाथ धो जाता है। ऐसे में पांच सदस्य परिवार वाले घर पर एक साबुन की टिकिया मुश्किल से दो ही दिन चल पा रही है। नहाने व कपड़े धोने का साबुन अलग से खर्च हो रहा है। वहीं सैनिटाइज तो आज घर घर की जरूरत बन चुकी है।
घर में एक दो बड़ी बोतल सबके इस्तेमाल के लिए रखी होती है। इसके अलावा अधिकांश घरों में सभी ने अलग अलग सैनिटाइजर की शीशी अपने साथ भी रखी होती है। सामान्य सा सैनिटाइजर भी आज 50 रुपये में मिल रहा है। अब सबसे जरूरी मास्क है जिसको पहनना ही है। हालांकि अब कपड़े के मास्क बाजार मे 10 से 20 रुपये में उपलब्ध है और हर परिवार के सदस्य के पास तीन -चार मास्क तो हैं ही।
एन95 का मास्क 50 रुपये का आता है। यह मास्क का कोटा सप्ताह भर में बदलने की जरूरत पड़ जाती है। लेकिन कई लोगों ने डिस्पोजल मास्क का इस्तेमाल कर अपना खर्च और ज्यादा बढ़ा लिया है। छन्नी हिम्मत की रेखा ने बताया कि साबुन,सैनिटाइज व मास्क ने ही माह में घर का खर्च 1500 से 2000 रुपये बढ़ा दिया है।
रोज कपड़े धो धो कर कपड़ों की हालत भी अब खराब होने लगी है। लेकिन मजबूरी है। कोरोना संक्रमण कहीं घर में न घुस जाए, इसी से बचने के लिए लोग इतना खर्च करने को मजबूर हैं।