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बाजार का हाल बेहाल: कोरोना महामारी ने एक बार फिर तोड़ी कारोबार जगत की कमर

इस समय रमजान का पाक महीना चल रहा है और चंद दिनों बाद ईद का त्योहार। ईद के इस त्योहार को लेकर जम्मू समेत अन्य जिलों में हफ्तों पहले बाजारों में चहल-पहल शुरू हो जाती है। मस्जिदों व घरों में ईद की तैयारियां जोरो-शोरों से शुरू हो जाती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 11:59 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 11:59 AM (IST)
बाजार का हाल बेहाल: कोरोना महामारी ने एक बार फिर तोड़ी कारोबार जगत की कमर
मुस्लिम समुदाय को इस बार यह त्योहार अपने घरों में ही मनाना पड़ेगा।

जम्मू, जागरण संवाददाता: कोरोना महामारी ने एक बार फिर से कारोबार जगत की कमर तोड़ दी है। पिछले साल भी कोरोना महामारी के कारण व्यापार को इस कदर झटका लगा कि साल के अंत तक संभल नहीं पाया था। नए साल में नई उम्मीद के साथ कारोबार शुरू तो हुआ लेकिन इससे पहले कि पटरी पर लौटता, एक बार फिर से कोरोना महामारी ने इसे चपेट में ले लिया।

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अप्रैल महीने की शुरूआत में ही कारोबार पर ग्रहण लग गया था और इसी महीने में सबसे अधिक शादियों के मुहूर्त थे। दुकानदारों को उम्मीद थी कि शादियों के सीजन में कुछ बिक्री होगी अौर उनकी मंदी टूटेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब जम्मू में लॉकडाउन है और आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को ही कुछ समय खुलने की अनुमति है। ऐसे में पूरे बाजार बंद पड़े है और ऐसी पूरी संभावना है कि जब लॉकडाउन खुलेगा, तब भी रोटेशन के आधार पर ही दुकानों को खोलने की अनुमति मिलेगी। यह व्यवस्था न जाने कितने महीनों तक चले। ऐसे में कारोबार जगत का यह साल भी बर्बाद होता नजर आ रहा है।

किश्तों में लॉकडाउन से असमंजस: कोविड-19 चेन तोड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से इस समय पांच जिलों में लॉकडाउन लगाया गया है। यह लॉकडाउन 29 अप्रैल को शुरू हुअा था और केवल 84 घंटों के लिए लगाया गया था लेकिन इसके बाद लॉकडाउन लगातार बढ़ाया जा रहा है। जम्मू में कोरोना के हालात देखते हुए हर कोई लॉकडाउन को सही बता रहा है लेकिन प्रशासन की ओर से जिस तरह दो-तीन दिन बाद इसकी अवधि बढ़ाई जा रही है, उससे लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन की ओर से दो-तीन दिन का लॉकडाउन लगाया जाता है और फिर उसे बढ़ा दिया जाता है। इससे होटल इंडस्ट्री भी परेशान है और श्रमिक वर्ग भी। इन वर्गों का मानना है कि अगर सरकार एक साथ ही दस या पंद्रह दिनों का लॉकडाउन लगा दे तो वो भी निश्चित होकर घरों को जाए। बार-बार लॉकडाउन बढ़ाने से लोग न तो काम कर पा रहे हैं और न ही घरों को जा पा रहे हैं। इसी तरह होटल व्यवसायी भी परेशान है। न वो स्टाफ को ठहरा पा रहे हैं और न छुट्टी पर घर भेज पा रहे हैं।

ई-कामर्स से फिर बना खतरा: कोरोना महामारी के बीच ई-कामर्स जम्मू जैसे छोटे शहर के दुकानदारों के लिए फिर से बढ़ा खतरा बनकर सामने आया है। लॉकडाउन के बीच सभी गैर-जरूरी चीजों की दुकानें बंद है और लोग भी घरों से बाहर नहीं निकलना चाहते। ऐसे में लोगों ने खरीदारी के लिए ऑनलाइन शापिंग की ओर रूख कर लिया है। पिछले साल भी लॉकडाउन में ई-कामर्स जारी रहने का मुद्दा केंद्र तक गर्माया था जिसके बाद ई-कामर्स कंपनियों को बाजार खुलने तक सिर्फ जरूरी सामान की डिलीवरी तक ही सीमित रखा गया था। इस साल अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। जम्मू में भी लॉकडाउन के बीच ई-कामर्स की छूट है और ऐसे में लोग चाहे मजबूरी में ही सही, ऑनलाइन शापिंग करके अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। यह आसान भी है और बाजार जाने के मुकाबले में सुरक्षित भी, ऐसे में यह छोटे दुकानदारों की सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।

फीकी पड़ी ईद की खरीदारी: इस समय रमजान का पाक महीना चल रहा है और चंद दिनों बाद ईद का त्योहार। ईद के इस त्योहार को लेकर जम्मू समेत अन्य जिलों में हफ्तों पहले बाजारों में चहल-पहल शुरू हो जाती है। मस्जिदों व घरों में ईद की तैयारियां जोरो-शोरों से शुरू हो जाती है। बच्चों में इस त्योहार को लेकर खासा उत्साह रहता है लेकिन इस बार ईद के त्योहार को लेकर तैयारियां भी फीकी पड़ रही है। चारों ओर बाजार बंद है और जिन जिलों में बाजार खुले भी है, वहां भी सन्नाटा ही पसरा है। कोरोना महामारी से चारों ओर दहशत का माहौल बना हुआ है। जम्मू में ईद की सुबह तक लॉकडाउन है। अगर यह लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ता तो दस मई को लोग शायद कुछ हद तक ईद की खुशियां एक-दूसरे से बांट सके लेकिन लॉकडाउन बढ़ने की सूरत में मुस्लिम समुदाय को इस बार यह त्योहार अपने घरों में ही मनाना पड़ेगा। 


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